भारतीय शिक्षण मंडल की त्रिदिवसीय अखिल भारतीय प्रान्त प्रमुख बैठक संपन्न, देशभर से ३१३ शिक्षाविदों ने की सहभागिता
भोपाल। भारतीय शिक्षण मंडल के अखिल भारतीय प्रान्त प्रमुख बैठक के समापन सत्र में बोलते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व सह सरकार्यवाह एवं अखिल भारतीय कार्यकारणी सदस्य डॉ० मनमोहन वैद्य ने कहा कि जीवन में मूल्य बहुत आवश्यक है, मूल्य ही वह गूढ़ तत्व है जो मनुष्य को मनुष्य बनाता है | शिक्षा का वास्तविक उद्देश्य मूल्यपरक समाज का निर्माण करना है जिससे समृद्ध एवं सशक्त भारत को दिशा दी जा सके | वर्तमान जीवन में प्रशिक्षण का महत्त्व है परन्तु यह तभी सकारात्मक परिणाम दे सकता है जब उसके साथ मूल्यों का समावेश हो | कौशलयुक्त व्यक्ति लोगों को आकर्षित करता है जबकि मूल्ययुक्त व्यक्ति लोगों को प्रेरित करके उनके जीवन में बदलाव लाता है | डॉ० वैद्य ने आगे कहा कि जीवन में थोड़ा ठहराव जरुरी है, यह आत्मचिंतन के लिए आवश्यक है, इससे जीवन को समझने और कार्य को गति देने में मदद मिलती है | उन्होंने आगे कहा कि हम समाज से जितना लेते हैं उससे अधिक देने का भाव भारतीय मूल्यों के साथ ही संभव है | मूल्यों पर अडिग रहकर हम समाज को प्रेरित कर सकते हैं | राष्ट्र के प्रति यदि समर्पण है और जीवन में यदि मूल्य है तो राष्ट्र-कार्य के लिए समय निकालना बहुत आसान है | भारतीयता आधारित शिक्षा के वैचारिक अधिष्ठान को प्रतिस्थापित करने हेतु प्रतिबद्ध संगठन भारतीय शिक्षण मंडल की त्रिदिवसीय अखिल भारतीय प्रान्त प्रमुख बैठक का सफल आयोजन 13 से 15 जून 2025 तक तेलंगाना प्रान्त के कान्हा शांति वनम, भाग्यनगर (हैदराबाद) में सम्पन्न हुआ | इस बैठक का उद्घाटन त्रिपुरा के राज्यपाल माननीय श्री इंद्रसेना रेड्डी जी द्वारा किया गया, वहीं समापन सत्र को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य माननीय श्री मनमोहन वैद्य जी ने संबोधित किया | बैठक में देशभर के सभी राज्यों से भारतीय शिक्षण मंडल के 313 वरिष्ठ कार्यकर्ताओं ने सहभागिता की। इसके अतिरिक्त, देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों के 30 से अधिक कुलगुरु, तथा राष्ट्रीय महत्त्व के शैक्षिक संस्थानों के निदेशक भी इस अवसर पर उपस्थित रहे | बैठक का उद्देश्य भारत की शिक्षा प्रणाली को मूल्यनिष्ठ, चरित्र निर्माण पर आधारित और भारतीय संस्कृति से पोषित बनाना था | इस लक्ष्य की पूर्ति हेतु इन तीन दिनों में विभिन्न बौद्धिक सत्रों, संवाद कार्यक्रमों एवं कार्यशालाओं का आयोजन किया गया | इन सत्रों में शिक्षा के भारतीय दृष्टिकोण, शैक्षिक-नीति में भारतीयता का समावेश, मूल्यपरक शिक्षा की आवश्यकता, और विश्वविद्यालयों की भूमिका जैसे विषयों पर गहन विमर्श हुआ | भारतीय शिक्षण मंडल का यह प्रयास भारत के शैक्षिक परिदृश्य को मौलिक रूप से भारतीय बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे आने वाली पीढ़ियाँ न केवल ज्ञानवान हों, बल्कि सांस्कृतिक रूप से सजग, नैतिक और जिम्मेदार नागरिक भी बन सकें | इस अवसर पर भारतीय शिक्षण मंडल के अखिल भारतीय कार्यकारी अध्यक्ष सुहास पेडनेकर, महामंत्री डॉ० भरत शरण सिंह, एवं संगठनमंत्री श्री बी आर शंकरानंद सहित अखिल भारतीय कार्यकारणी के सभी सदस्य उपस्थित रहे |