सीहोर लक्ष्य टुडे, ओम प्रकाश मालवीय। धरती पर डॉक्टरों को भगवान का ही रूप माना जाता है, लेकिन बदतले दौर और परिवेश में कुछ भगवान स्वार्थी और लालची हो गए हैं। धरती के इस भगवान के स्वार्थ और लालच की कारगुजारियां आए दिन देश-प्रदेश से सोशल मीडिया पर भी वायरल होती है। धरती के इस भगवान की मनमानियों का सिलसिला कुछ महीनों से सीहोर जिला अस्पताल में भी देखने को मिल रहा है। जिला अस्पताल में बीती एक महीने में तीन से चार किस्से ऐसे हो चुके हैं, जिसकी वजह से अस्पताल सुर्खियों में बना हुआ है।
शनिवार को दोपहर के समय कांग्रेस जिलाध्यक्ष राजीव गुजराती ने धरना प्रदर्शन को संबोधित करते हुए जिला अस्पताल को लेकर गंभीर आरोप लगाए थे। कांग्रेस जिलाध्यक्ष गुजराती ने सीधा-सीधा आरोप लगाते हुए था कहा कि जिला अस्पताल के कमरे नंबर 40 में अस्पताल के डॉक्टर और कर्मचारी मिलकर दारू पीते हैं, फिर मरीजों का इलाज करते हैं। जिलाध्यक्ष गुजराती का यह बयान दिनभर सुर्खियों में बना रहा, जबकि शाम ढलते ही जिला अस्पताल की एक मार्मिक तस्वीर सोशल मीडिया पर फिर वायरल हो गई, जिसने फिर से झकझोर दिया।
दरअसल, अचेत अवस्था में अपने पुत्र को लेकर एक पिता जिला अस्पताल पहुंचा था। पिता ने पहले अस्पताल परिसर में यहां-वहां स्ट्रेचर देखा, जब स्ट्रेचर नहीं मिला तो मजबूर पिता बेटे को अपने कंधे पर लेकर सीढिय़ों से चढ़ता हुआ ऊपरी मंजिल पहुंचा। यह मार्मिक वीडियो जब सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो लोगों ने शहर की जिम्मेदारी संभाल रहे जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक सिस्टम को भी खूब कोसा।
पुराने साहब भी बता चुके मजबूरियां...
जिला अस्पताल में व्यवस्थाओं में सुधार आए, यह सोचना ही बेकार है। दरअसल, जिले के पुराने साहब अस्पताल की अव्यवस्थाओं को लेकर चौथे स्तंभ के समक्ष अपनी पीड़ा जता चुके हैं। पुराने साहब का कहना था कि जिला अस्पताल में अव्यवस्था हैं, मनमानी हैं यह मुझे भी पता है, लेकिन मजबूरियां हैं। थोड़ा भी एक्शन लिया तो यह मनमानी पर उतारू हो जाएंगे और स्ट्राइक कर बैठेंगे, इसलिए सब कुछ जानते हुए भी चुप रहना पड़ता है। चौथे स्तंभ ने जब पुराने साहब की यह बात सुनी तो समझ गए कि जिला अस्पताल का अब कुछ नहीं हो सका, क्योंकि यह भगवान स्वार्थी और अस्वाभिमानी हो गए हैं।