मुख्यमंत्री बिजली कंपनी के एजेंट के रूप में काम कर रहे हैं: हरपाल ठाकुर


आष्टा। विद्युत मंडल द्वारा बिजली बिल वसूली को लेकर तानाशाही पूर्वक पूरे गांव की बिजली काटी जा रही है। नोटिस दिए जा रहे हैं और यह सब प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव के संरक्षण के कारण हो रहा है। बिजली विभाग की तानाशाही करवाई पर प्रतिक्रिया देते हुए अखिल भारतीय कांग्रेस सदस्य हरपाल ठाकुर ने कहा कि जिस प्रकार से बिजली विभाग सीहोर जिले के सीहोर आष्टा इछावर और बुधनी विधानसभा क्षेत्र के कई गांव की लाइट काटने के नोटिस जारी करते हुए कई गांव की लाइट काट दी गई है इससे ऐसा लगता है कि मुख्यमंत्री मोहन यादव बिजली कंपनी के एजेंट के रूप में कार्य कर रहे हैं। वह भूल गए कि वह प्रदेश के मुख्यमंत्री है ना की बिजली कंपनी के वसूली एजेंट है। जिस प्रकार से मुख्यमंत्री ने पूरे जिला कलेक्टर सहित प्रशासन को बिजली विभाग की वसूली के लिए लगाया है। यह बेहद निराशाजनक है हरपाल ठाकुर ने कहा कि इस प्रकार के तानाशाही रवैया पिछले 70 सालों में कभी नहीं रहा। गांव की सामूहिक लाइट बंद करना एक तरह से अंग्रेज शासन या यूं कहें की गुलामी के दौर में जिस प्रकार से किसी गांव का हुक्का पानी बंद कर दिया जाता था। उस प्रकार की करवाई है जो तानाशाही तरीके से की जा रही है। सरकार को तत्काल इस प्रकार के करवाई को बंद करना चाहिए और किसान बहुत परेशान है आम नागरिक बहुत परेशान है क्योंकि बिना लाइट के पीने का पानी और पशु के लिए पानी भी नहीं मिलेगा। इसलिए लाइट देना सरकार की जिम्मेदारी है। इसलिए सरकार को तानाशाह पूर्वक बिजली विभाग की वसूली पर रोक लगाना चाहिए हरपाल ठाकुर ने मुख्यमंत्री मोहन यादव से कहा कि आपको पता होना चाहिए की सीहोर जिले के संपूर्ण क्षेत्र चाहे वह आष्टा इच्छावर सीहोर बुधनी भेरूंदा जावर श्यामपुर दोराहा में किसानों की सोयाबीन की फसल 90 से 100% तक खराब हो गई थी। तब किसानों ने और कांग्रेस पार्टी ने सरकार से मांग की थी की तत्काल सर्वे करा कर सोयाबीन की खराब हुई फसल का का मुआवजा और बीमा दोनों किसानों को सरकार दिलाए। पर छह माह बाद भी सरकार ने किसानों को खराब हुई सोयाबीन फसल का ना तो मुआवजा दिया है और ना ही बीमा दिया है। जबकि बीमा के लिए किसान ने राशि जमा कराई गई है और इसके साथ ही केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार एवं प्रदेश सरकार की जन विरोधी किसान विरोधी नीतियों के कारण किसान की फसल की लागत तीन से चार गुना बढ़ गई है। फसलों का भाव ज्यादा बढ़ने की जगह उल्टा काम होता जा रहा है। जो सोयाबीन 2013 तक 4000 से लेकर 6500 से 7000 हजार रुपए प्रति क्विटल के भाव से मंडी में किसान भेचता था। आज वहां 4000 से कम भाव में बिक रहा है। इस पर हरपाल ठाकुर ने मुख्यमंत्री से कहा की बिजली विभाग की वसूली करने से पहले आपको किसानों की खराब हुई सोयाबीन की फसल का बीमा एवं मुआवजा तत्काल देना चाहिए था और किसान को फसल का सही दाम मिले इस प्रकार की व्यवस्था करने के बाद यदि आप वसूली के लिए बोलते तो एक बार हम मान लेते कि आपके अंदर नैतिकता है। पर आपने अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाई और जिस किसान की कमर टूट गई है। महंगाई से फसल खराब होने से और आपकी गलत नीतियों से उनसे बिजली बिल जमा के लिए तानाशाही तरीके से एक साथ गांव के गांव की लाइट बंद की जा रही है यह बर्दाश्त करने के लायक नहीं है हरपाल ठाकुर ने कहा की समझ में नहीं आता सीहोर जिले के चारों विधायक सीहोर विधायक सुदेश राय और इछावर के विधायक एवं मंत्री करण सिंह वर्मा, बुधनी विधायक एवं केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान, आष्टा विधायक गोपाल सिंह इंजीनियर पता नहीं क्या कर रहे हैं। इन लोगों को शर्म नहीं आती कि उनकी सरकार उनके रहते हुए किसान भाइयों की और आम नागरिकों की पूरे गांव के गांव की लाइट काट रही हैं। जबकि क्षेत्र के लोगों ने अपना मत देकर अपना प्रतिनिधि चुना है तो इन्हें अपना प्रतिनिधि होने का कर्तव्य निभाना चाहिए और सरकार से बात करके तत्काल इस तरह के कार्रवाई को रुकवाना चाहिए। यदि सरकार इनके कहने पर भी अपनी कार्रवाई नहीं रोकती है तो इन्हें अपने पद पर बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। हरपाल ठाकुर ने आगे सीहोर जिला प्रशासन एवं सरकार को चेताते हुए कहा इस तरह की तानाशाही वसूली तत्काल बंद कीजिए और यदि आपने बंद नहीं की तो कांग्रेस पार्टी का कार्यकर्ता किसान एवं आम नागरिक और साथ मिलकर आपके तानाशाह रवैया के खिलाफ सड़कों पर प्रदर्शन करेंगे। जब तक आप यह कार्रवाई बंद नहीं कर देते किसान और आम नागरिकों के साथ अत्याचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

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