नरेश मेवाड़ा के कार्यकाल में बनी वीआईपी सडक़ को 10 साल बाद मिला नाम


सीहोर।
तत्कालीन नगर पालिका अध्यक्ष नरेश मेवाड़ा के कार्यकाल में शहर को पहली वीआईपी सडक़ की सौगात मिली थी। यह सडक़ है आनंद डेयरी चौराहा से बस स्टैंड तक की है। इस सडक़ का निर्माण 2015 में हुआ था, जबकि इसकी स्वीकृति वर्ष 2012 में तत्कालीन नगरीय प्रशासन मंत्री बाबूलाल गौर द्वारा दी गई थी। इस सडक़ की वजह से शहर की सुंदरता में चार चांद लगे, तब से लेकर अब तक यह सडक़ आनंद डेयरी से बस स्टैंड के नाम से जानी जाती थी, लेकिन 10 साल बाद इस वीआईपी सडक़ को नाम मिल गया है। 

तत्कालीन अध्यक्ष नरेश मेवाड़ा के कार्यकाल में बनी इस सडक़ को सोमवार को नपा ने नया नाम लोकमाता देवी अहिल्या दिया है। नगर पालिका ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी है। जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि नगर पालिका अध्यक्ष प्रिंस राठौर के द्वारा धनगर समाज के प्रदेशाध्यक्ष केशर सिंह बगोरिया, जिलाध्यक्ष राजकुमार धनगर, प्रदेश महासचिव आरके धनगर, राष्ट्रीय संगठन मंत्री मधुसुदन धनगर आदि की मांग पर शीघ्रता से अमल करते हुए बस स्टैंड से डेरी तक जाने वाले इस मार्ग का नाम लोकमाता के नाम होगा। साथ ही रोड के नए नाम के शिलापट का अनावरण भी कर दिया गया है। प्रदेशाध्यक्ष बगोरिया ने बताया कि हमारे नपाध्यक्ष राठौर से मांग की थी कि लोकमाता के नाम से मार्ग का नामाकरण किया जाए। हम सभी मांगों को नपाध्यक्ष ने पूर्ण किया है हम परिषद का आभार व्यक्त करते है। लोकमाता प्रदेश का गौरव थी। देवी अहिल्या बाई होलकर का जीवन समाजए संस्कृति और राष्ट्र के लिए समर्पित रहा। उनका व्यक्तित्व और कृतित्व भारत की अमोल निधि है। उन्हें समाज ने पुण्य श्लोका, लोकमाता, मातोश्री, न्यायप्रिया, प्रजावत्सला, राजमाता आदि से संबोधित किया। यह संबोधन समाज का उनके प्रति सम्मान, श्रृद्धा और आदर्श भाव को प्रकट करते है। इस मौके पर धनगर समाज के अलावा पार्षद अर्जुन राठौर, संतोष शाक्य, राजेश मांझी, जितेंद्र गुर्जर, शिवम चौधरी, अनिल धनगर, मनीष धनगर, गजराज सिंह धनगर, जीतमल धनगर, कमलसिंह सहित धनगर समाज के अलावा क्षेत्रवासी शामिल थे।

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