कुशवाहा-माली समाज द्वारा संयुक्त रूप से मनाई गई ज्योतिबा फुले की 198 वी जयंती



सीहोर। शुक्रवार, 11 अप्रैल को स्थानीय विश्वकर्मा मंदिर परिसर में कुशवाहा एंव कुशवाह समाज द्वारा संयुक्त रूप से कुशवाहा समाज अध्यक्ष अशोक वर्मा की अध्यक्षता एवं शिक्षक मुकेश कुशवाह के नेतृत्व में ज्योतिबा फुले की 198 वी जयंती मनाई है। सर्व प्रथम ज्योतिबा फुले के चित्र के समक्ष माल्यार्पण कर दीप प्रज्वलित कर उनके बताये रास्ते पर चलने का संकल्प लिया गया। अशोक वर्मा ने ज्योतिबा फुले के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ज्योतिबा फुले ने अपना पूरा जीवन गरीबों, महिलाओं, दलितों एवं पिछड़े वर्ग के उत्थान तथा सामाजिक जड़ताओं व कुरीतियों को दूर करने के लिए समर्पित कर दिया। महात्मा ज्योतिबा फुले का जन्म 11 अप्रैल, 1827 को पुणे में हुआ था। उनका परिवार कई पीढ़ी पहले सतारा से पुणे आकर फूलों के गजरे आदि बनाने का काम करने लगा था। माली के काम में लगे ये लोग फुले के नाम से जाने जाते थे। ज्योतिबा फुले का जीवन और उनके विचार व महान कार्य आज भी लोगों के लिए प्रेरणा का स्त्रोत बने हुए हैं।

मुकेश कुशवाह ने कहा कि महात्मा ज्योतिबा फुले की विचारधारा स्वतंत्रता, समानता और समाजवाद पर आधारित थी। उनका मानना था कि समाज की बुराइयों से निपटने का एकमात्र जरिया स्त्रियों, निम्न वर्ग के लोगों को शिक्षा प्रदान करना है। इस मौके पर मुकेश कुशवाह ने उपस्थित सभी समाजनों को यह संकल्प भी दिलाया कि विवाह एवं अन्य सामाजिक कार्यक्रमों में  ज्योतिबा फुले एवं सावत्रिबाई फुले की तस्वीर उपहार के रूप में प्रदान की जावे ताकि घर-घर में इनकी तसवीर पहुंच सके। इस अवसर पर प्रमुख रूप से जनम सिंह परमार, चांदसिंह मेवाड़ा, कन्हैयालाल कुशवाह, मोहन कुशवाह, संतोष कुशवाह, किशोर कुशवाह, विष्णु प्रसाद, जितेन्द्र, धनसिंह पंडित, फूलसिंह मेवाड़ा, धूलसिंह मेवाड़ा, लक्की सेन, हरीश लोधी, मोहन कुशवाह राहुल मेवाड़ा, बी.एस. भदोरिया सहित बड़ी संख्या में कुशवाह माली समाज के नागरिकगण उपस्थित रहे।

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