3 साल पुराने मामले में सुनाई सजा
सीहोर। पॉक्सो न्यायालय सीहोर की विशेष न्यायाधीश स्मृता सिंह ठाकुर ने अपने एक अहम फैसले में तीन साल पुराने प्रकरण में नाबालिग को घर में अकेली पाकर उसके साथ दुष्कृत्य करने वाले आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। आरोपी आष्टा क्षेत्र का होने के साथ ही पीड़िता के मोहल्ले में निवास करता था। विशेष लोक अभियोजक केदार सिंह कौरव ने मामले में पैरवी करते हुए बताया कि अभियोजन के अनुसार कहानी संक्षेप में इस प्रकार है। पीड़िता ने 26 मई 2022 को थाना पार्वती पर उपस्थित होकर प्रथम सूचना रिपोर्ट लेखबद्ध कराई थी। जिसमें बताया था कि मैं अनुसूचित जनजाति की सदस्य हूॅ, मेरे माता-पिता ईंट भट्टे पर ईंट बनाने का काम करते हैं। मेरा एक छोटा भाई मंदबुद्धि है, जिसकी देखभाल मैं अपने घर पर रहकर करती हूॅ। मेरे मोहल्ले में रहने वाला आरोपी आष्टा निवासी राजा खां पिता चन्दू खां को में अच्छी तरह से जानती हूं। घटना के समय मैं अपने घर पर अकेली थी, तब आरोपी राजा खां उसके घर के पीछे की खिड़की तोड़कर घर के अंदर आ गया और बुरी नियत से गलत काम करने लगा। पीड़िता के चिल्लाने पर उसकी बडी मम्मी आ गई तो राजा उसे छोडकर वहां से भाग गया और बोला कि यदि मेरी रिपोर्ट की और किसी बताया तो जान से खत्म कर दूॅगा। जब उसके माता-पिता मजदूरी करके अपने घर आये तो उन्हें घटना की जानकारी दी। पुलिस अनुसंधान पश्चात अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। अभियोजन के तर्को से सहमत होते हुये आरोपी को दण्डित किया गया। पीडिता द्वारा न्यायालय में अभियोजन घटना का पूर्ण रूप से समर्थन किया। अभियोजन द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य एवं तर्कों से सहमत होते हुये न्यायालय द्वारा आरोपी राजा खां पिता चन्दू खां को दोषी पाते हुये धारा 3(2)(व्ही) एससी/एसटी एक्ट में आजीवन कारावास एवं 376(1) भादवि में 12 वर्ष का सश्रम कारावास एवं धारा 450 भादवि में 05 वर्ष का सश्रम कारावास एवं धारा 354 भादवि में 03 वर्ष का सश्रम कारावास एवं धारा 3(1)(W)(i) एससी/एसटी एक्ट में 01 वर्ष का सश्रम कारावास एवं कुल 3500 रुपए के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।