सीहोर। खजुरिया कला में आयोजित 31 कुंडीय यज्ञ की पूर्णाहुति में भक्तों का जन सैलाब उमड़ पड़ा। अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए और यज्ञ में अपनी श्रद्धा का इजहार किया। यज्ञ के आयोजकों ने इस अवसर पर विशेष व्यवस्था की थी, जिसमें श्रद्धालुओं के लिए बैठने, पूजा-अर्चना करने, और अन्य आवश्यक व्यवस्थाएं शामिल थीं।
यज्ञ का उद्देश्य भगवान की भक्ति और पूजा करना है। इस यज्ञ में विशेष पूजा-अर्चना, हवन, और आरती जैसे धार्मिक अनुष्ठान शामिल हैं। यज्ञ के माध्यम से भगवान की कृपा प्राप्त करने का प्रयास किया जाता है। पूर्णाहुति के अवसर पर विशेष पूजा-अर्चना और हवन किया गया। इस अवसर पर उपस्थित श्रद्धालुओं ने भगवान की पूजा-अर्चना की और अपनी श्रद्धा का इजहार किया। पूर्णाहुति की विशेषता यह है कि इसमें शामिल होने वाले सभी श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक शांति और आनंद की प्राप्ति होती है।
पूर्णाहुति में उमड़े जन सैलाब को देखकर यह स्पष्ट होता है कि खजुरिया कला के लोगों में भगवान के प्रति कितनी श्रद्धा है। इस अवसर पर उपस्थित श्रद्धालुओं ने भगवान की पूजा-अर्चना की और अपनी श्रद्धा का इजहार किया। यज्ञ के आयोजकों ने इस अवसर पर विशेष व्यवस्था की थी, जिसमें श्रद्धालुओं के लिए बैठने, पूजा-अर्चना करने, और अन्य आवश्यक व्यवस्थाएं शामिल थीं। आयोजकों ने यज्ञ को सफल बनाने के लिए कड़ी मेहनत की थी। उन्होंने यज्ञ के दौरान सुरक्षा और स्वच्छता का भी विशेष ध्यान रखा।खजुरिया कला में आयोजित 31 कुंडीय यज्ञ की पूर्णाहुति में भक्तों का जन सैलाब उमड़ पड़ा। इस अवसर पर उपस्थित श्रद्धालुओं ने भगवान की पूजा-अर्चना की और अपनी श्रद्धा का इजहार किया। यज्ञ के माध्यम से भगवान की कृपा प्राप्त करने का प्रयास किया जाता है।यज्ञ के माध्यम से न केवल भगवान की कृपा प्राप्त होती है, बल्कि यह समाज में एकता और भाईचारे की भावना को भी बढ़ावा देता है। यज्ञ में भाग लेने वाले श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक शांति और आनंद की प्राप्ति होती है।
यज्ञ के आयोजकों ने आगे भी इस तरह के आयोजनों को आयोजित करने की योजना बनाई है। उनका उद्देश्य लोगों को भगवान के प्रति श्रद्धा और भक्ति को बढ़ावा देना है।