टाईगर रिजर्व से सटे दो रिसोर्ट को बार लाइसेंस देने की तैयारी

 


आबकारी विभाग में आवेदन प्रक्रिया में है अभी आवेदन।

सीहोर। जिला प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण है। हरे भरे प्राकृतिक स्थल नदी प्राकृतिक झरने अपनी ओर पर्यटकों को आर्कषित करते हैं। तो वहीं जिले के वनों में वन्य जीवों की अच्छी खासी संख्या है। यहां पर बाघ, तेंदुए, भालू, हिरन और अन्य कई प्रकार के वन्य जीव हैं, जिसे देखते हुए रातापानी टाइगर रिजर्व में जिले के कई गांवों को शामिल किया गया है। पर्यटन की यहां भरपूर संभावना है। रातापानी टाइगर रिजर्व से सटे हुए कोलार डेम क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए दो रिजार्ट को बार लाइसेंस मिल सकता है। 

गौरतलब है कि जिले के इछावर विधानसभा के तहत आने वाले ग्राम वीरपुर कोलार डेम क्षेत्र में काफी संख्या में पर्यटक आते हैं, यह टाइगर मूवमेंट क्षेत्र है। इस क्षेत्र रातापानी टाइगर रिजर्व से लगा हुआ है। यह क्षेत्र काफी हरा भरा होने के कारण से रमणीक है। कोलार पर कई रिजार्ट बने हुए हैं।  बताया जा रहा है कि रातापानी जंगल रिजार्ट और जंगल बुक रिजार्ट ने  बार लाइसेंस के लिए जिला आबकारी विभाग में आवेदन किया है, यह आवेदन प्रक्रिया में है। पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से यहां रिजार्ट बार लाइसेंस की अनुमति देने की तैयारी आबकारी विभाग कर रहा है। 

जिले में एक बार लाइसेंस

आबकारी विभाग की जानकारी के अनुसार जिले में वर्तमान में सिर्फ 01 बार लाइसेंस है।  इन्दौर भोपाल हाइवे पर स्थित मध्यप्रदेश पर्यटन विभाग के  डोडी हाइवे ट्रीट रेस्टोरेंट को बार लाइसेंस प्राप्त है। जबकि  जिले में बड़ी संख्या में होटल और रिजार्ट संचालित हो रहे हैं। जिनमें से कई रिजार्ट और होटल संचालक यहां पर शराब परोसने के लिए एक दिन का लाइसेंस एफएल 5 आबकारी विभाग प्राप्त करते हैं।  सालभर में करीब 75 से 100 के बीच एफएल 5 के लाइसेंस विभाग जारी करता है।

टाइगर रिजर्व से लगा हुआ है क्षेत्र

कोलार डेम क्षेत्र रातापानी टाइगर रिजर्व से लगा हुआ है, दो रिजार्ट संचालकों ने एफएल 3 लाइसेंस के लिए आवेदन किया है, यह प्रक्रिया में है, पर्यटन को बढ़ावा देने के उददेश्य से यहां रिजार्ट बार लाइसेंस जारी किए जा सकते हैं।

दीप सिंह राठौर जिला आबकारी अधिकारी सीहोर

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