सीहोर। भारतीय जनता पार्टी के पितृपुरुष स्व. अटल बिहारी वाजपेयी के नाम की सीहोर जिला मुख्यालय पर बेकदरी हो रही है। दरअसल, मुख्यालय पर बडिय़ाखेड़ी में बड़ा मंदिर के पास 78 लाख रुपए खर्च कर 2018 में अटल पार्क तैयार किया गया था, तब से लेकर अब तक यह पार्क लोगों की सुविधा के लिए कम और परेशानियों के लिए ज्यादा जाना जाता है। कभी यह पार्क अंधेरे में रहता है, तो कभी इस में लगे झूले और व्यायाम करने वाली मशीन खराब रहती है। इस के कारण यह पार्क पिछले करीब आठ साल से इसी तरह की समस्याओं से जूझता आ रहा है।
अब तो हालात यह है कि यह पार्क कम और जंगल ज्यादा लगता है। पार्क में न तो साफ सफाई पर ध्यान दिया जा रहा है न ही इसमें लगे झूलों की मरम्मत की जा रही है। इस कारण पार्क में बच्चे खेलने तक नहीं जा पा रहे है। देखरेख नहीं होने के कारण इकलौता बड़ा पार्क अब असामाजिक तत्वों का अड्डा बनता जा रहा है।
5 एकड़ जमीन पर बना है पार्क
बड़ा मंदिर के पास सीमांकन में 5 एकड़ 68 डिसिमल जगह निकली थी। यहां पर बच्चों के लिए झूले और फिसल पट्टी और अन्य मनोरंजन के उपकरण लगाए गए तो दूसरा सेक्शन महिलाओं के लिए रखा गया था। तीसरे सेक्शन सीनियर सिटिजन और चौथा सेक्शन अन्य लोगों के लिए तैयार किया गया था। यहां पर ग्रीनरी के अलावा फव्वारे भी लगाए गए थे। पार्क को रोशन करने 32 सौर ऊर्जा लाइट लगवाई गई थी। लेकिन धीरे-धीरे इस पार्क में यह सभी सुविधाएं लगभग खत्म सी हो गई है।
फाउंटेन की उखड़ रही टाइल्स
यहां पर ग्रीनरी के अलावा फव्वारे भी लगाए गए थे। अभी फाउंटेन तो है लेकिन इसकी टाइल्स टूट रही हैं। पार्क में कुल 32 लाइट लगी है। यह 16 बैटरी पर लगी हैं लेकिन रखरखाव नहीं हो पाया। पार्क में ऐसी लाइट है जिसे जलाने से काम चल रहा है याने दीया तले अंधेरा जैसी स्थिति बनी है। सोलर लाइट केवल देखने के लिए ही लगी है, इन लाइटों के पास अस्थाई लाइट लगी हुई है, जिससे पार्क में पर्याप्त रोशनी भी नहीं हो पाती है।
घातक साबित हो रहे गुणवत्ताहीन झूले
पार्क में शाम होते ही बच्चे धमाचौकड़ी व मौज मस्ती की आस लेकर आते है, लेकिन झूलों की दयनीय स्थिति देख बच्चे मायूस हो जाते है। पार्क में लगे झूले बच्चों के लिए हादसे का सबब बने हुए हैं। लोगों का कहना है कि नपा की अनदेखी के चलते ठेकेदार द्वारा गुणवत्ताहीन झूले लगाए हैं। यह कुछ ही दिनों में खराब हो जाते हैए जो बच्चों के लिए घातक साबित हो रहे हैं।
चित्रों में देखें दुर्दशा का आलम
1- प्रवेश द्वार: पार्क में जाने के लिए जो मुख्य द्वार बना है वही दुर्घटनाओं को आमंत्रण दे रहा है। बड़ा गेट हमेशा बंद रहता है तो वही छोटा गेट टूटा हुआ है, जिससे निकलने पर चोट लगने का खतरा बना रहता है।
2- पैदल पथ: पार्क में घूमने के लिए जो पैदल पथ बना हुआ है उस पर घास उग रही है, जिस पर फिसलने का खतरा बना रहता है।
3- घास हो रही खतरनाक: दो पल हरियाली के बीच बैठने के लिए पार्क में लगी गार्डन घास की जगह खरपतवार उग रही है। जिसमें बच्चों के साथ बड़े भी जाने से डर रहे है।
4- टूटे झूले: पार्क की पहचान झूलो से ही होती है, लेकिन अटल पार्क में अधिकतर झूले टूटे हुए है तो वही कुछ झूले दुर्घटनाओं को आमंत्रण दे रहे है।
5- सफाई भगवान भरोसे: पार्क में साफ-सफाई दूर तक नजर नहीं आती है, जगह-जगह कचरा नजर आ रहा है। वही पार्क के एक कोने में ही कचरा जलाया जा रहा है, जिसकी राख पार्क में उड़ती रहती है।