व्यक्तिगत खुशियों से बढक़र है देशसेवा: अजय पटेल

सीहोर। व्यक्तिगत खुशियों से बढक़र देश की सेवा होना चाहिए। देश मजबूत होगा तो खशियां अपार मिलेंगी। यह संदेश इछावर विधानसभा क्षेत्र बीजेपी नेता डॉ. अजय सिंह पटेल ने दिया है। दरअसल, अजय पटेल का जन्मदिन है। जन्मदिन के अवसर पर श्री पटेल ने भारतीय सेना के कोष व प्रधानमंत्री राहत कोष में राशि जमा कराई है। उन्होंने अपने समर्थकों से भी अपील की थी कि उनके जन्मदिन पर की जाने वाली राशि खर्च न करते हुए सेना और प्रधानमंत्री कोष में जमा कराएं। डॉ. अजय सिंह पटेल की इस पहल को कभी सराहा है। 

गौरतलब है कि घाटी के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना द्वारा चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर में आतंकियों को करारा जवाब दिया गया। इस बीच देश की सीमाओं पर बने तनाव के माहौल में इछावर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के युवा नेता डॉण् अजय सिंह पटेल ने एक अनुकरणीय पहल करते हुए अपने जन्मदिन को देशसेवा को समर्पित करने का संकल्प लिया। डॉ. पटेल ने जन्मदिन को लेकर एक भावुक अपील जारी की है। उन्होंने अपने समर्थकों और शुभचिंतकों से आग्रह किया है कि वे इस अवसर पर कोई पोस्टर, बैनर, होर्डिंग, केक या फूलमाला आदि पर खर्च न करें, बल्कि वह राशि भारतीय सेना के खाते या प्रधानमंत्री राहत कोष में जमा कराएं। उन्होंने कहा कि यह समय तामझाम में खर्च करने का नहीं, बल्कि सेना के शौर्य को समर्थन देने का है। जो भी राशि आप मेरे जन्मदिन पर खर्च करने का विचार कर रहे हैं, चाहे वह 100 रुपये ही क्यों न होए कृपया उसे भारतीय सेना के सहयोग में लगाएं।

भारत अब कहने या सहने वाला देश नहीं, परिणाम देने वाला देश है

डॉ. पटेल ने कहा कि हाल ही में भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना ने जो पराक्रम दिखाया, उसने यह स्पष्ट कर दिया है कि भारत अब सिर्फ सुनने-सहने वाला देश नहीं रहा, बल्कि अपने शत्रुओं को मुंहतोड़ जवाब देने वाला राष्ट्र बन चुका है। उन्होंने कहा कि यदि सेना को मजबूत देखना है तो हमें भी अपना योगदान देना होगा। जब हम आर्थिक सहयोग देंगे, तभी हमारी सेनाएं और अधिक सक्षम बनेंगी।

उत्सव नहीं, उत्तरदायित्व का दिन बनाएं

डॉ. पटेल ने स्पष्ट किया कि वे स्वयं भी आज अपने जन्मदिन पर दो भागों में राशि विभाजित कर सेना और प्रधानमंत्री राहत कोष में जमा कराएंगे। उन्होंने इस संदेश के माध्यम से अपने जन्मदिवस को एक सामाजिक चेतना दिवस में परिवर्तित करने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा, जब एक व्यक्ति के साथ सैकड़ों लोग खड़े होते हैं, तो मन प्रसन्न होता है। लेकिन इस बार प्रसन्नता राष्ट्र की सेवा से प्राप्त हो, यही मेरी कामना है।


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