आरक्षक ने बीच चौराहे पर गुंडागर्दी कर सब्जी वाले से अडी बाजी कर रुपए नहीं देने पर की थी पिटाई, हुआ निलंबित




सीहोर।  सीहोर में पुलिस की कार्यशैली को लेकर स्थानीय निवासियों में भारी नाराजगी देखने को मिल रही है। हाल ही में मंडी क्षेत्र में एक सब्जी विक्रेता के साथ हुई घटना ने इसे और भी उजागर कर दिया है। गुरुवार की शाम को एक पुलिस आरक्षक ने सब्जी विक्रेता से शराब पीने के लिए पैसे मांगते हुए उसे डराने-धमकाने की कोशिश की। जब विक्रेता ने पैसे देने से इंकार किया तो आरक्षक ने उसके साथ मारपीट कर दी। 

इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा था, जिससे लोगों में पुलिस के प्रति और भी अधिक आक्रोश उत्पन्न हो गया है। बताया जाता है कि जब डराने-धमकाने के बाद भी सब्जी वाले ने आरक्षक को शराब पीने के रुपए नहीं दिए तो उसने सब्जी वाले से मारपीट कर दी। लोगों ने सब्जी वाले मारपीट के दृश्य के वीडियो बनाना शुरू कर दिया तो आरक्षक मौके से भाग खड़ा हुआ। यह घटना इस बात की पुष्टि करती है कि पुलिस की छवि आम जनता में काफी बिगड़ चुकी है और लोग अब पुलिस के खिलाफ खुलकर बोलने लगे हैं और अपनी बात रख रहे हैं।  मामले का संज्ञान आने के साथ एएसपी सुनीता रावत ने मामले की जांच सीएसपी अभिनंदना शर्मा को दी थी।

सीएसपी अभिनंदना शर्मा ने मामले की जांच में आरक्षक को दोषी पाते हुए निलंबित कर दिया है । उन्होंने बताया कि  आरक्षक लाइन में पदस्थ है। इसके चलते मामले की अगली कार्रवाई आरआई द्वारा भी की जाएगी।

यह था मामला

इस मामले में सब्जी बेचने वाले पुरुषोत्तम कुशवाह ने कहा कि वह मंडी में माता मंदिर के पास सब्जी का ठेला लगाता है। गुरुवार को भी उसने अपना सब्जी का ठेला लगा रखा था। इसी दौरान आए दिन की तरह एक पुलिस आरक्षक उसके पास आया और शराब पीने के लिए अड़ीबाजी करने लगा। मैंने कहा कि आज सब्जी का धंधा मंदा है। उसकी सब्जी नहीं बिकी है और वह रुपए नहीं दे सकता है। इस बात पर आरक्षक आग बबूला हो गया और रौब झारने लगा। इसके बाद मारपीट पर उतारू हो गया। जब लोगों ने मामले का वीडियो बनाना शुरू किया तो आरक्षक मौके से भाग खड़ा हुआ। पुरुषोत्तम ने बताया कि आरक्षक आए दिन उसके पास से अड़ीबाजी कर रुपए ले जाता था। वेतन नहीं मिलने सहित कई बहाने बनाकर सब्जी भी उधार ले गया, लेकिन कभी भी रुपए नहीं दिए। इससे परेशान होकर उसने गुरुवार को रुपए देने से मना कर दिया। मामले में एएसपी सुनीता रावत ने बताया कि कॉन्स्टेबल की पहचान ब्रह्मलाल धुर्वे के रूप में हुई थी। वह  रक्षित केंद्र में तैनात है। ब्रह्मलाल के खिलाफ पहले भी गैरहाजिरी और अनुशासनहीनता की शिकायतें मिल चुकी हैं, जिनमें उसे पूर्व में दंडित भी किया गया है। उक्त वीडियो संज्ञान में आने पर संपूर्ण वस्तु स्थिति की जांच के लिए नगर पुलिस अधीक्षक अभिनंदना शर्मा को निर्देशित किया गया था।

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