सुबह 9.30 बजे आस्था का महाआगाज... आगे पं. प्रदीप मिश्रा-पीछे श्रद्धा का सैलाब

सीहोर। पं. प्रदीप मिश्रा की अगुवाई में जिस कांवड़ यात्रा का इंतजार देश भर के श्रद्धालु बीते एक महीने से कर रहे थे, आखिरकार उसका आगाज आज सुबह 9.30 बजे पं. प्रदीप मिश्रा की अगुवाई में हो गया है। सुबह 9.30 बजे पं. प्रदीप मिश्रा पोस्ट ऑफिस रोड स्थित अपने निज निवास से निकले तो उनके पीछे श्रद्धा का सैलाब उमड़ पड़। पंडित प्रदीप मिश्रा यहां से सीवन नदी तट पहुंचे, जहां से कांवड़ यात्रा की शुरुआत हुई। 

पंडित प्रदीप मिश्रा की अगुवाई में निकनले वाली कांवड़ यात्रा का चौथा वर्ष है. यात्रा साल 2022 से निरंतर जारी है। हालांकि इस वर्ष आयोजन में विघ्र आया, जिसमें मंगलवार को धक्का मुक्की वजह से कुबेरेश्वर धाम पर दो श्रद्धालु महिलाओं की मौत हो गई। बावजूद श्रद्धालुओं की आस्था नहीं डगमगाई। पूरी रात देश के कोने-कोने से श्रद्धालु सीहोर पहुंचे। कुबेरेश्वर धाम सहित शहर की सडक़ों पर हर तरफ श्रद्धालु ही श्रद्धालु नजर आए। हादसे के बाद प्रशासन भी अलर्ट नजर आया। 

हेलिकॉप्टर से होगी पुष्प वर्षा

सुबह 9.30 बजे शुरू हुई कांवड़ यात्रा लगभग दोपहर 2 बजे तक कुबेरेश्वर धाम पहुंचेगी। कांवड़ यात्रा के लिए दिल्ली, झारखंड, उत्तरप्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, गुजरात सहित विभिन्न राज्यों से दो दर्जन से अधिक डीजे और झांकियां इस यात्रा का हिस्सा होंगी। देश के कोने-कोने से यात्रा में शामिल होने श्रद्धालु पहुंचे। यात्रा में शामिल श्रद्धालुओं पर हलिकॉप्टर से फूलों की वर्षा भी की जाएगी। 

300 से अधिक स्वागत स्थल, भक्तों के लिए सेवा शिविर

विठलेश सेवा समिति के समीर शुक्ला और मनोज दीक्षित मामा के अनुसार 300 से अधिक स्थानों पर कांवड़ यात्रियों का स्वागत, जल और भोजन व्यवस्था की गई है। सीवन नदी से कुबेरेश्वरधाम तक सेवा शिविर, भोजनालय, मेडिकल सहायता उपलब्ध कराई गई है।

कांवड़ यात्रा से लौटेगा शिव युग: प्रदीप मिश्रा

भागवत भूषण पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि यह आयोजन केवल एक यात्रा नहीं, बल्कि कलियुग में शिव युग की वापसी है। शिवभक्तों की सेवा करना सौभाग्य का विषय है। शिवपुराण के अनुसार श्रावण मास में शिव और पार्वती पृथ्वी पर वास करते हैं, इसलिए इस महीने में की गई पूजा और सेवा विशेष फलदायक होती है।


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