सीहोर। पेरिस पैरालंपिक 2024 में जूडो में कांस्य पदक जीतकर भारत का नाम रोशन करने वाले सीहोर के
पैरालिंपियन कपिल परमार ने प्रदेश सरकार पर वादाखिलाफी का गंभीर आरोप लगाया है। सरकार की बेरुखी से दुखी होकर उन्होंने अर्जुन पुरस्कार लौटाने का ऐलान कर दिया है। कपिल ने साफ कहा है कि अगर अगले 10 दिनों में उन्हें सरकारी नौकरी नहीं दी जाती है तो वे यह पुरस्कार खेल विभाग के निदेशक को लौटा देंगे। उन्होंने इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी पत्र लिखा है।
बता दें कपिल परमार जो कि 2019 राष्ट्रमंडल चैंपियनशिप और 2023 ग्रैंड प्रिक्स में स्वर्ण पदक भी जीत चुके हैं ने बताया कि पैरालंपिक में पदक जीतने के बाद मध्य प्रदेश सरकार ने उन्हें एक करोड़ रुपये और सरकारी नौकरी देने का वादा किया था। हालांकि, उन्हें पैसे तो मिल गए, लेकिन एक साल बीत जाने के बाद भी नौकरी की फाइल आगे नहीं बढ़ पाई है।
हर बार टाल रहे
कपिल ने बताया कि हर बार अधिकारी केवल यही कह देते हैं कि फाइल चल रही है। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार ने पैरा एथलीटों को गजटेड अधिकारी बनाने का वादा किया था, जो अभी तक पूरा नहीं हो सका है।
सम्मान सिर्फ फोटो तक सीमित
कपिल ने कहा कि जब कोई खिलाड़ी मेडल जीतता है तो नेता और अफसर केवल फोटो खिंचवाने आते हैं, लेकिन जब मदद की असली बारी आती है तो सभी पीछे हट जाते हैं। उन्होंने तुलना करते हुए कहा कि हरियाणा और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में उनके साथी खिलाड़ी नौकरी ज्वाइन भी कर चुके हैं, लेकिन मध्य प्रदेश में केवल आश्वासन ही मिल रहा है।
मुलाकात से बच रहे मंत्री सारंग
कपिल ने खेल मंत्री विश्वास सारंग और अन्य अफसरों पर भी संपर्क से बचने और सिर्फ आश्वासन देने का आरोप लगाया। उन्होंने दुख जताया कि प्रदेश भर में खेल दिवस बड़े स्तर पर मनाया गया, लेकिन उन्हें कहीं बुलाया तक नहीं गया।