बेटियों को सीता नहीं, राम बनने की प्रेरणा दें...


सीहोर।
आज महिला दिवस उपलक्ष पर बस इतना ही कहा जा सकता है कि हम महिलाओं के लिए यह दिन एक महत्पूर्ण दिवस होता है। आज के इस आधुनिक युग में आवश्यकता है स्वयं को पहचाने की आज हम बेटियों को सीता नहीं राम बने ऐसी शिक्षा देना चहिए। अब आप कहेंगे क्यों, क्योंकि सीता के रूप में हम अपनी बालिकाओं को सिर्फ  एक अबला बना जा रहे है, लेकिन यदि राम बनने की शिक्षा देंगे तो न सिर्फ अपना उत्थान करेगी, बल्कि अन्य को भी अग्रसर करेगी और जीवन एक प्रत्येक उतार चढ़ाव को जीवन की विषम परिस्थितियों के साथ सामंजस्य बैठाने की योग्यता भी होगी। क्या आप नहीं चाहती कि जिस घर को हम सजाती है, संवारती है, उसके मुख्य द्वार पर आपके नाम की तख्ती हो। इसलिए बहनों स्त्री होने पर गर्व होना चाहिए। तू जननी है, नारायणी है, ईश्वर भी खुद तेरे बिना अधूरा है तो आइए आज महिला दिवस के अवसर शपथ लेते है कि स्वयं का मूल्य, अहमियत, आत्मरक्षा सब के लिए सदैव तैयार रहेंगी और अपनी बेटियों को भी प्रेरित करेंगी।

                                                                                                                  श्रीमती सुनीता सोनी, शिक्षिका सीहोर

एक टिप्पणी भेजें

और नया पुराने