हनुमान जी के बिना श्री राम और रामायण दोनों अधूरे हैं-उद्धवदास जी महाराज


 नौ दिवसीय श्री रामकथा का समापन, अखंड रामायण के पश्चात पूर्णाहुति हुई



सीहोर,। श्रीराम कथा में हनुमान जी एक ऐसे पात्र हैं जिनके बिना रामायण अधूरी है, उनके बिना स्वयं श्रीराम भी अधूरे हैं क्योंकि रामजी के सारे दुर्गम काज हनुमानजी ने ही पूरे किये हैं। किसी भी मुसीबत में हमेषा स्वामी ही अपने सेवक को दिलासा देता है लेकिन रामायण में हनुमानजी पहले ऐसे सेवक हैं जो अपने स्वामी को कठिन समय में दिलासा देते हैं और उनके सारे कामों को पूरा करते हैं। असीमित शक्तियों के मालिक होने के बाद भी भक्त षिरोमणि हनुमानजी में कोई अभिमान नहीं क्योंकि उन्होंने अपने मान का हनन किया है इसीलिए उनका नाम हनु-मान अर्थात अपने मान का हनन करने वाला पड़ा।


उक्त आषय के उदगार सुप्रसिद्ध श्री रामकथा वाचक श्रीश्री 1008 महंत श्री उद्धवदास जी त्यागी महाराज श्रीराम कुटी आश्रम सीहोर ने शहर के सीवन स्काई सिटी के नजदीक विष्वनाथपुरी में स्थित प्रसिद्ध श्री संकटमोचन हनुमान मंदिर में नौ दिवसीय संगीतमयी श्री रामकथा के समापन दिवस पर बडी संख्या में उपस्थित श्रद्धालुओं को रामरस में सराबोर करते हुए व्यक्त किए। महाराज श्री ने कहा कि रामायण में हर पात्र पर हनुमानजी ने दया की है और उसको सहयोग किया है, चाहे वह अषोक वाटिका में सीताजी हों, शक्ति लगने पर घायल लक्ष्मणजी हो या फिर भरतजी, सुग्रीव या विभीषण हो या स्वयं प्रभु श्रीराम हों, सभी को समय पड़ने पर हनुमानजी ने संकट से बाहर निकाला इसीलिए उनका नाम ही संकटमोचन पड़ गया, आज भी हनुमानजी भक्तों के संकटों को दूर करने में तत्क्षण रहते हैं। महाराजश्री ने रामकथा में हनुमानजी के चरित्र का विषेष वर्णन किया और बताया कि कलियुग में भी हनुमानजी सक्रिय है, उन्होंने ही तुलसीदासजी की भी सहायता की तभी वे उनके सहयोग से वे

रामचरित मानस जैसे अदभुत ग्रंथ की रचना कर सके और श्रीराम के दर्षन कर सके। श्रीराम द्वारा लंका विजय पर जाने से पूर्व रामेष्वरम में भगवान भोलेनाथ की स्थापना का वर्णन करते हुए महाराजश्री ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को जीवन में एक बार रामेष्वरम के दर्षन अवष्य करना चाहिए ताकि उसे सायुज्य मुक्ति मिल सके। अपनी मधुर वाणी में महाराज जी ने कई भजन सुनाए जिन्हें सुनकर सभी श्रद्धालु मंत्रमुग्ध हो गए। महाराज श्री के साथ संगीत टीम में सुप्रसिद्ध भजन गायक श्री विषाल व्यास, सहित उनके संगीतज्ञ साथीगण वासु भाई, कमलेष, रामबाबू एवं शुभम नायक ने श्रीराम कथा के दौरान अपनी सुमधुर प्रस्तुति से श्रद्धालुओं को आनंदित किया। आज कथा में समुद्र पर सेतु बनाने से लेकर मेघनाथ, कुंभकरण और रावण वध तथा भगवान श्रीराम के अयोध्या लौटने पर राजतिलक के प्रसंग का सजीव नाटय मंचन भी किया गया। जिसमें बाल कलाकारों ने बहुत सुन्दर भूमिकाएं निभाई। समापन अवसर पर श्रीसंकट मोचन हनुमान समिति द्वारा महाराजश्री का स्वागत किया गया, इस अवसर पर युवा समिति ने भी महाराजश्री का स्वागत किया। महाराजश्री के साथ कथा में भजन मंडली का भी समिति ने स्वागत किया।


आज कथा में पूर्व विधायक श्री रमेष सक्सेना भी उपस्थित हुए। समापन के अवसर पर समिति श्री हनुमान जन्मोत्सव के अवसर पर मंदिर में अखंड रामायण का पाठ पूरा होने पर पूर्णाहुति हवन एवं हनुमानजी का महाभिषेक किया गया। श्री संकटमोचन हनुमान मंदिर समिति, नारायणी महिला मंडल, श्रीराम कथा आयोजन समिति और मंदिर की युवा समिति ने श्रीराम कथा के सफल आयोजन के लिए सभी श्रद्धालुजनों के प्रति आभार व्यक्त किया है। 

एक टिप्पणी भेजें

और नया पुराने