फांसी लगाने की कोशिश, स्वास्थ्य केंद्र में तड़पता रहा युवक, निजी में कराया भर्ती

 


भेरूंदा। ग्राम लाड़कुई के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में लापरवाही लागतार सामने आई रही है। बुधवार-गुरुवार की रात एक युवक ने पारिवारिक विवाद के चलते जल निगम के प्लाट पर फांसी लगाकर जान देने की कोशिश की।

युवक सागर जिले का रहने वाला है। वह मजदूरों के साथ लाड़कुई में काम करने आया था। घटना के बाद जावेद, अकिंत, विक्रम सहित स्थानीय लोग उसे बचाकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंचे। वहां डॉक्टर मौजूद नहीं थे। युवक इलाज के इंतजार में तड़पता रहा। लोगों ने बताया कि डॉक्टर कमरे में सो रहे थे। 108 एंबुलेंस को सूचना दी गई, लेकिन एक घंटे बाद भी नहीं पहुंची। मजबूरी में निजी एंबुलेंस से युवक को निजी अस्पताल ले जाया गया। वहां उसका इलाज कराया गया।

रात में नहीं मिलते डॉक्टर, जिम्मेदार उन्हें बचाते हैं

लाडकुई क्षेत्र के ग्रामीणों ने बताया कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर रात के समय डॉक्टर अक्सर गायब रहते हैं। कई बार शिकायत की गई, लेकिन कोई सुधार नहीं हुआ। सरकार करोड़ों रुपए खर्च कर बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं का दावा करती है। लेकिन जिम्मेदारों की अनदेखी और प्रशासन की लापरवाही से हालात जस के तस हैं। पुर्व में भी ऐसी घटना घाटी है। ग्राम लाचोर में एक युवक ने सल्फास खा ली थी। परिजनों ने उपचार के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाडकुई में लेकर गए। इस दौरान कोई भी डॉक्टर ड्यूटी पर नहीं मिले। हालाकि सीबीएमओ मनीष सारस्वत ने ड्यूटी डॉक्टर को कारण बताओं नोटिस जारी किया है। सीबीएमओ डॉ. मनीष सारस्वत ने बताया कि डॉक्टर मीणा की नाइट ड्यूटी थी, वह अपने घर थे अस्पताल पहुंचे मरीज को देखा भी। परिजनों ने मरीज को प्राइवेट एंबुलेक्स से किसी निजी अस्पताल लेकर गए।उन्होंने बताया कि केंद्र में दो डॉक्टर हैं। एक की ड्यूटी रात में और दूसरे की दिन में रहती है। ड्यूटी डॉक्टर को कारण बताओं नोटिस दिया गया है।

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