कार्यकारिणी गठन बगैर कोर कमेटी सदस्यों का मान सम्मान हुआ कम!

- हाल ही में आयोजित दो बैठकों से वंचित रहे कमेटी के कुछ सदस्य

सीहोर। सबका साथ-सबका विकास के मूल उद्देश्यों पर चलने वाली भारतीय जनता पार्टी जिले में एकला चलो के रास्ते पर चल पड़ी है। यह बात हम नहीं, बल्कि भारतीय जनता पार्टी के ही वह पदाधिकारी दबी जुबान से बोल रहे हैं, जिनके मान-सम्मान में कमी आ गई है। दरअसल, भारतीय जनता पार्टी के संगठन की नई जिला कार्यकारिणी गठित हुए बगैर ही पूर्व जिलाध्यक्ष रवि मालवीय की कार्यकारिणी में शामिल पदाधिकारियों को पूर्व मान लिया गया है। यही कारण है कि दो-तीन महीने में आयोजित हुई कोर कमेटी की बैठकों का बुलावा इन सदस्यों को नहीं मिला है।

पार्टी सूत्रों के अनुसार भारतीय जनता पार्टी की गाइड लाइन अनुसार जिलाध्यक्ष बदलाव के बाद जब तक नई कार्यकारिणी का गठन नहीं होता, तब तक पुराने जिलाध्यक्ष की कार्यकारिणी ही मान्य रहती है। वर्तमान में भी यही धारणा है। तत्कालीन जिलाध्यक्ष रवि मालवीय के समय गठित कार्यकारिणी  के पदाधिकारी आज भी अपने नाम के साथ पुराने पदों को लगा रहे हैं साथ ही मंच साझा कर रहे हैं। हालांकि अब इनके मान सम्मान में कमी आ गई है। यही वजह है कि बीते दो बार से आयोजित हो रही कोर कमेटी की बैठक में कुछ सदस्यों को बुलावा ही नहीं भेजा गया।

कोर कमेटी में यह सदस्य रहे शामिल

पूर्व जिलाध्यक्ष रवि मालवीय के कार्यकाल में कोर कमेटी में जो सदस्य शामिल रहे उनमें जिला प्रभारी मंत्री, जिला प्रभारी बहादुर सिंह मुकाती, तीनों सांसद, चारों विधायक (करण सिंह वर्मा, सुदेश राय, रमाकांत भार्गव, गोपाल सिंह इंजीनियर), पूर्व जिलाध्यक्ष सीताराम यादव, तीनों महामंत्री (राजकुमार गुप्ता, धारासिंह पटेल, रवि नागले), पूर्व वन विकास निगम अध्यक्ष गुरुप्रसाद शर्मा, रघुनाथ सिंह भाटी शामिल रहे।

कोर कमेटी का यह काम

बीजेपी पदाधिकारियों के अनुसार भारतीय जनता पार्टी जिला कोर कमेटी द्वारा महीने-दो महीने में बैठक आयोजित की जाती है। इस बैठक की सूचना सभी सदस्यों को दी जाती है। बैठक में जिले में होने वाले तबादले, योजनाओं के क्रियान्वयन सहित  जिले से संबंधित अन्य विषयों को लेकर चर्चा की जाती है। कोर कमेटी में सर्वसहमति से लिए जाने वाले निर्णयों को आगे बढ़ाया जाता है। 

दोनों बैठकों में नहीं बुलाया

बीते दो-तीन महीने में जिला कोर कमेटी की दो बैठक आयोजित की गई। पहली बैठक राजधानी भोपाल में आयोजित हुई। इस बैठक में जिले के कई मुद्दों पर विचार विमर्श किया गया। इसी तरह दूसरी बैठक जिला मुख्यालय पर तीन-चार दिन पहले ही आयोजित हुई। दोनों ही बैठकों की सूचना कोर कमेटी के कुछ सदस्यों तक नहीं पहुंची, जिसकी वजह से वह बैठक में शामिल नहीं हो सके।

महामंत्री बोले....

- जब तक नई कार्यकारिणी का गठन नहीं होता, तब तक महामंत्री मैं हूं। रही बात कोर कमेटी बैठक की तो प्रदेश नेतृत्व की मंशा के अनुसार पार्टी ने नहीं बुलाया होगा, पार्टी का निर्णय सर्वोपरि है। 

राजकुमार गुप्ता, महामंत्री सीहोर 

- जब तक नई कार्यकारिणी का गठन नहीं हो जाता, तब तक मैं महामंत्री हूं। आयोजित होने वाली बैठकों में गाइड लाइन के अनुसार ही पदाधिकारियों को बुलाया जाता है। पार्टी का निर्णय ही हमें सर्वमान्य है। 

धारासिंह पटेल, महामंत्री सीहोर  

- बैठक की सूचना मुझे नहीं मिली। हालांकि पार्टी नेतृत्व से ही तय होता है किस-किस सदस्य को बैठक में बुलाना है। पार्टी का निर्णय ही हमारे लिए सर्वोपरि है। 

रवि नागले, महामंत्री सीहोर 


बैठक नहीं, आम चर्चा थी

बीते दिनों जो भोपाल में बैठक हुई थी, उसमें मैं अपने स्वास्थ्य कारणों की वजह से शामिल नहीं हुआ। जिला मुख्यालय की बैठक, कोर कमेटी की बैठक नहीं थी, आम चर्चा थी। नई कार्यकारिणी का गठन होना है, इसलिए आम चर्चा के दौरान जिलाध्यक्ष-विधायकों से विचार विमर्श होता है। पार्टी की कोर कमेटी की बैठक व्यवस्थित होती है, बकायदा रजिस्टर मेंटेन किया जाता है। 


बहादुर सिंह मुकाती, जिला प्रभारी सीहोर

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