तत्कालीन प्रशासक व एसडीएम पर वित्तीय गड़बडिय़ों का आरोप!

- इछावर तहसील स्थित ग्रामीण विकास एवं पर्यावरण केंद्र (सीआरडीई) का मामला

सीहोर। जिस संस्था को वित्तीय अनियमितताओं के कारण भंग किया गया और उसमें प्रशासक बैठाए गए। उन प्रशासक ने भी यहां पर जमकर वित्तीय गड़बडिय़ां की। नियम विरुद्ध तरीके से खुद का मानदेय तक निकाल लिया। अन्य भत्ते भी लिए गए। मामला सीहोर जिले की इछावर तहसील के ग्राम सेवनियां स्थित ग्रामीण विकास एवं पर्यावरण केंद्र (सीआरडीई) का है। अब सीआरडीई की एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर श्रद्धा फोगाट ने तत्कालीन प्रशासक एवं इछावर एसडीएम जमील खान को पत्र लिखकर उनसे अनियमितताओं पर स्पष्टीकरण भी मांगा है।

औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग मध्यप्रदेश द्वारा एक दिसंबर 2022 को एक आदेश निकाला गया, जिसमें कहा गया कि ग्रामीण विकास एवं पर्यावरण केंद्र (सीआरडीई) में व्याप्त अनियमितताओं के कारण संस्था के शासी निकाय को आरोप-पत्र, अभिकथन पत्रक सहित कारण बताओ नोटिस दिया गया। इसके साथ ही कलेक्टर भोपाल द्वारा नामांकित डिप्टी कलेक्टर के पर्यवेक्षण में कार्य करने संबंधी निर्देश ज्ञाप ्रक्रमांक एफ.13.15/2022/बी.11 दिनांक 11 मई 2022 को जारी कर संस्था से अपेक्षा की गई थी कि वे कारण बताएं। आदेश में कहा गया था कि क्यों न संस्था के शासी निकाय को अधिनियम की धारा.33(1) के तहत भंग कर दिया जाए। इसके बाद संस्था द्वारा दिनांक 16 जून 2022 को स्पष्टीकरण देते हुए बताया गया कि संस्था से संबंधित विभिन्न विवाद उच्च न्यायालय में विचाराधीन है। इस मामले में रजिस्ट्रार फम्र्स एवं संस्थाएं मप्र भोपाल द्वारा संस्था के स्पष्टीकरण पर अपना बिंदुवार प्रतिवेदन प्रेषित कर उत्तर समाधानकारक न पाते हुए संस्था के विरुद्ध अधिनियम की धारा 33(1) के तहत आगामी कार्रवाई की जाना प्रस्तावित किया गया। इसके बाद संस्था को भंग करके संचालन हेतु कलेक्टर सीहोर को संस्था का प्रशासक नियुक्त किया गया।

आदेश निकालकर एसडीएम इछावर को बनाया प्रशासक.

सीहोर कलेक्टर को प्रशासक नियुक्त करने के बाद औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग ने दिनांक 10 अगस्त 2023 को एक अन्य आदेश निकाला, जिसमें कहा गया कि 1 दिसंबर 2022 को सेंटर फॉर रूरल डेवलपमेंट एंड एनवायरमेंट भोपाल जिला भोपाल में कलेक्टर सीहोर को मध्यप्रदेश सोसायटी रजिस्ट्रीकरण अधिनियम 1973 की धारा.33(1) के अधीन प्रशासक नियुक्त किया गया था। अब उक्त आदेश में संशोधन करते हुए कलेक्टर सीहोर के स्थान पर अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) इछावर जिला सीहोर को प्रशासक नियुक्त किया जाता है। एसडीएम इछावर जमील खान यहां पर अगस्त.2023 से अक्टूबर.2024 तक प्रशासक पदस्थ रहे। इस दौरान उन्होंने प्रतिमाह तीन हजार रुपए के हिसाब से 15 माह के मानदेय के रूप में 45 हजार रुपए की राशि निकाली, इसके अलावा अन्य भत्ते भी निकाले गए।

एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर ने लिखा एसडीएम को पत्र

इस मामले में ग्रामीण विकास एवं पर्यावरण केंद्र (सीआरडीई) की एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर श्रद्धा फोगाट ने एसडीएम इछावर जमील खान को पत्र लिखकर इसका स्पष्टीकरण मांगा है। एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर द्वारा इस संबंध में तीन-तीन पत्र लिखे गए। उन्होंने पहला पत्र दिनांक 18 फरवरी 2025 को लिखा, जिसका एसडीएम इछावर जमील खान द्वारा कोई जबाव प्रस्तुत नहीं किया गया। इसके बाद दूसरा रिमाइंटर लेटर 17 मार्च 2025 को लिखा गया। एसडीएम ने इसका भी कोई जबाव नहीं दिया। इसके बाद तीसरा पत्र दिनांक 9 मई 2025 को लिखा गया, जिसमें सीआरडीई की एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर श्रद्धा फोगाट ने लिखा कि आपके द्वारा संस्था में प्रशासक रहते हुए अनाधिकृत मानदेय का भुगतान खुद के हस्ताक्षर से ही कर लिया गया। यह नियम विरुद्ध है। उन्होंने पत्र में लिखा कि आपका ध्यान एक बार फिर इस तथ्य की ओर आकर्षित करना चाहते हैं कि किसी भी सरकारी आदेश या अधिसूचना में चाहे वह आपको प्रशासक नियुक्त करता हो। इस तरह के वित्तीय अधिकार को अधिकृत नहीं किया गया है। इसके अलावा पहले ही कहा जा चुका है कि आपके पूर्ववर्ती तत्कालीन कलेक्टर सीहोर ने ऐसा कोई लाभ नहीं लिया था। यह अत्यंत चिंताजनक है कि मामले की गंभीरता और पर्याप्त समय दिए जाने के बावजूद आपकी ओर से कोई प्रतिक्रिया, स्पष्टीकरण या दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए गए हैं। लगातार तीन पत्रों के बाद भी आपका जबाव नहीं आना प्रशासनिक जवाबदेही और पारदर्शिता के बुनियादी मानदंडों को कमजोर करती है। निष्पक्षता और संस्थागत अखंडता के हित में हम एक बार फिर आपसे एक व्यापक उत्तर देने का आग्रह करते हैं, जो आपके कार्य को उचित ठहराने वाले दस्तावेजी साक्ष्य (यदि कोई हो) द्वारा समर्थित हो।


एसडीएम बोले, नहीं मिला कोई पत्र

इस मामले में चर्चा करने के लिए ग्रामीण विकास एवं पर्यावरण केंद्र सेवनियां की एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर श्रद्धा फोगाट को कई बार उनके मोबाइल पर फोन लगाया गया, लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया। इधर इस मामले में जब एसडीएम जमील खान से बात की तो उन्होंने बताया कि उन्हें कोई पत्र नहीं मिला है।


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