सीहोर एसडीएम का आदेश ‘हवा-हवाई’

- सीहोर में अवैध कॉलोनी की रजिस्ट्री कर उप-पंजीयक ने उड़ाए नियमों के परखे

सीहोर। जिले में अवैध कॉलोनाइजर्स के हौंसले इस कदर बुलंद हैं कि वे अपनी मनमानी पर उतारू हैं। जिले में वरिष्ठ अधिकारियों के आदेशों की भी धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है, क्योंकि सीहोर एसडीएम ने जिस कॉलोनी को अवैध घोषित करके उसके निर्माण, रजिस्ट्री एवं नामांतरण पर रोक लगाने के आदेश दिए थे उन आदेशों को अधिकारियों ने ही हवाहवाई कर दिया। रोक के बावजूद उप पंजीयक द्वारा प्लाटों की रजिस्ट्रियां कर दी गईं। इस मामले को लेकर कलेक्टर की जनसुनवाई में भी आवेदन दिया गया है।

जानकारी के अनुसार सीहोर तहसील के ग्राम अल्हादाखेड़ी में भूमि खसरा नंबर 7/1/1/3, 7/1/1/4 रकबा 1.209 पर कॉलोनाइजर यश शर्मा द्वारा कॉलोनी विकसित की जा रही हैै। इस आवासीय कॉलोनी को एसडीएम न्यायालय द्वारा दिनांक 9 अगस्त 2024 को प्रकरण क्रमांक 148/वी/121/2024.25 आदेश से अवैध कॉलोनी घोषित करके उप पंजीयक, तहसीलदार सीहोर, नायब तहसीलदार सीहोर को आदेश पालन हेतु प्रतिलिपित तथा जनपद पंचायत सीहोर को प्रचार.प्रसार व प्रकाशन के लिए निर्देश दिए गए थे। इसके बाद भी दिनांक 3 सितंबर 2024 को उप पंजीयक कार्यालय सीहोर द्वारा गौरीशंकर पिता सौदान सिंह एवं प्रियंका पाटिल पिता गौरीशंकर निवासी ग्राम मैना तहसील आष्टा जिला सीहोर के नाम से रजिस्ट्री कर दी गई। इसी तरह 23 अगस्त 2024 को संदीप जाट पिता नर्मदा प्रसाद निवासी ग्राम पिपलानी तहसील कन्नौद जिला देवास की भी रजिस्ट्री कर दी गई।

कॉलोनाइजर के पास नहीं हैं अनुमतियां

ग्राम अल्हादाखेड़ी में भूमि खसरा नंबर 7/1/1/3, 7/1/1/4 रकबा 1.209 पर कॉलोनाइजर यश शर्मा द्वारा बनाई जा रही कॉलोनी की अनुमतियां भी नहीं हैं। कॉलोनाइजर्स यश शर्मा के पास कॉलोनी विकास अनुमति, कॉलोनाइजर लाइसेंस, ग्राम तथा नगर निवेश से कॉलोनी के भूखंडों का लेआउट का अनुमोदन भी नहीं है। इतना ही नहीं मप्र ग्राम पंचायत कॉलोनी का विकास नियम 2014 के अध्याय तीन के नियम 9 के तहत विकास शुल्क जमा किए बिना स्थल पर सडक़ एवं बिजली लाइन का निर्माण कर भी किया जा रहा है और कॉलोनी में अवैध कॉलोनाइजेशन करते हुए भूखंडों का लगातार विक्रय किया जा रहा है। इस मामले में एसडीएम न्यायालय द्वारा कॉलोनाइजर को 15 जुलाई 2024 को नोटिस भेजकर कालोनाइजर लाइसेंस, डायवर्जन का आदेश, नगर तथा ग्राम निवेश की अनुमति, कॉलोनी विकास अनुज्ञा, विकास शुल्क जमा करने की रसीद, ग्राम पंचायत द्वारा भवन निर्माण हेतु अनुज्ञा आदि दस्तावेज के साथ 25 जुलाई 24 को उपस्थित होकर समस्त उक्त भूमियों के संबंध में दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए निर्देशित किया गया था।

वकील ने उपस्थित होकर दी गलत जानकारी

एसडीएम न्यायालय द्वारा जारी नोटिस के बाद कॉलोनाइजर यश शर्मा के वकील ने उपस्थित होकर अपनी दलीलें पेश की। इस दौरान वकील द्वारा भी न्यायालय में गलत जानकारियां दी गईं। कॉलोनाइजर यश शर्मा के वकील ने जानकारी दी कि भू.धारित स्वामी द्वारा विधिवत डायवर्सन करा लिया गया है। इसी तरह पंचायतए जिला पंचायत द्वारा विकास अनुमति एवं पंचायत आश्रय निधि में भी 50 हजार रूपए की राशि जमा करा दी गई है।  सक्षम प्राधिकारी एवं अनुविभागीय अधिकारी राजस्व अनुभाग सीहोर द्वारा दिनांक 25.10.2021 को मप्र पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम मप्र पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 तथा मप्र ग्राम पंचायत कॉलोनियों का विकास नियम 2014 के उपबंधों के अधीन उत्तरदाता कॉलोनाइजर के रूप में पंजीकृत है। इसके अलावा अन्य अनुमतियों को लेकर भी झूठा जबाव पेश किया गया। इसके साथ ही यह भी बताया गया कि उक्त समस्त दस्तावेजों की प्रति सूचना पत्र के उत्तर के साथ में संलग्न हैंए जबकि अंतिम आदेश में एसडीएम द्वारा इस जानकारी को गलत बताया गया है।

अवैध कॉलोनाइजर के विरूद्ध की गई कार्यवाही, एसडीएम ने लगाई रोक

एसडीएम तन्मय वर्मा द्वारा ग्राम अल्हादाखेड़ी स्थित अवैध कालोनी निर्माण के संबंध में कालोनाईजर.भूस्वामियों के विरूद्ध कार्रवाई की गई थी। एसडीएम द्वारा ग्राम अल्हादाखेड़ी स्थित अवैध कालोनाईजर विनोद शर्मा पिता शशिधर शर्मा, यश शर्मा प्रकाश शर्मा, कुमेर सिंह रतन सिंह के विरूद्ध कार्यवाही कर आदेशित किया गया था। एसडीएम तन्मय वर्मा द्वारा मध्यप्रदेश पंचायत राज अधिनियम की धारा 61च व 61छ के तहत मध्यप्रदेश पंचायत राज (कॉलोनियों का विकास) नियम 2014 के तहत ग्राम पंचायत क्षेत्र अल्हादाखेड़ी के ग्राम अल्हादाखेड़ी में छोटे-छोटे भूखंडों के अंतरण पर तत्काल प्रभाव से अग्रिम आदेश तक रोक लगाई गई है, ताकि अवैध कालोनी का निर्माण को बढ़ावा न मिलें। एसडीएम द्वारा कालोनाईजर एवं भूमिस्वामी को निर्देशित किया गया है कि वह अवैध कॉलोनी की इस भूमि का अंतरण नहीं करेंगे। आदेश का उल्लंघन की स्थिति में किए गए सभी अंतरण शून्य होने एवं ऐसे दस्तावेजों को कूटरचित माना जाएगा। सीहोर के उप पंजीयक को आदेश का पालन करने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही अवैध कॉलोनाइजर को आदेशित किया गया है कि यह अवैध कॉलोनी की भूमि पर स्थापित सभी चिन्हांकनए सभी प्रकार के निर्माण 15 दिवस में हटाएं। यदि सभी प्रकार के चिन्हांकन निर्माण न हटाने की स्थिति में मण्प्रण् ग्राम पंचायत कॉलोनियों का विकास नियम 2014 के 22(4) के अंर्तगत कार्यवाही करते हुए सभी प्रकार के चिन्हांकन से विकास कार्य को हटाए जाने कि कार्यवाही की जाएगी और इस संबंध में शासन द्वारा की गई कार्यवाही में होने वाले व्यय को अवैध कॉलोनाइजर से भू.राजस्व तौर पर वसूल किया जाएगा तथा दंडात्मक कार्यवाही की जाएगी।

इनका कहना है

आदेश के बाद भी अवैध कॉलोनी के भूखंडों की रजिस्ट्री और नामांतरण हो रहे हैं तो इसकी जांच की जाएगी एवं आगे की कार्रवाई की जाएगी। अवैध कॉलोनियों को लेकर लगातार कार्रवाई की जा रही है।


- तन्मय वर्माए एसडीएम, सीहोर

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