सीहोर। आज अनंत चतुर्दशी का पर्व है और शहर एक बार फिर अपनी दशकों पुरानी परम्परा का साक्षी बनेगा। आज शहर में
झिलमिलाती झांकियां निकाली जाएगी। बता दें एक दौर था जब यह पर्व सिर्फ शहर का नहीं, बल्कि पूरे अंचल का होता था। सुबह से ही आसपास के गांवों से लोग चलकर आते थे और बाजार में अपनी जगह सुनिश्चित करते थे, ताकि वे रात को निकलने वाली झांकियों को देख सकें। आज आधुनिकता के इस दौर में अंचल से आने वाले ग्रामीणों की संख्या न के बराबर रह गई है, लेकिन शहर के युवा और समाजसेवियों के प्रयासों से यह परंपरा आज भी जिंदा है।
बता दें एक समय था जब शुगर फैक्ट्री, साल्वेंट प्लांट जैसी बड़ी झांकियां सहित दो दर्जन से अधिक चल समारोह निकलते थे। आज वह संख्या भले ही कम हो गई हो, लेकिन युवाओं के विशेष प्रयासों से यह परंपरा आज भी जारी है। आज शहर के कोतवाली चौराहा से तहसील चौराहा तक झिलमिलाती झांकियां और अखाड़ों के हैरतअंगेज करतब देखने को मिलेंगे।
स्वागत और सम्मान का मंच
इस वर्ष चल समारोह के स्वागत के लिए 7 मंच बनाए जाएंगे। हिन्दू उत्सव समिति के अध्यक्ष आशीष गुप्ता ने बताया कि हमारा प्रयास रहेगा कि रात 10 बजे से चल समारोह का शुभारंभ हो जाए। गुप्ता ने बताया कि इस दौरान सात मंच बनाए जाएंगे, जिसमें समाजसेवी अखिलेश राय और नगर पालिका व अध्यक्ष प्रिंस विकास राठौर के मंचों के माध्यम से झांकी कलाकार व अखाड़ों क कलाकरों को नगद पुरस्कार देकर सम्मानित किया जाएगा।