मामले में पैरवी करते हुए विशेष लोक अभिलोजक केदार सिंह कौरव ने बताया कि मामला भैरुंदा थाने का है। आरोपी शिक्षक घटना के समय पीडि़ताओं के स्कूल में शासकीय शिक्षक था। पीडि़ताओं ने 12 जुलाई 2024 को थाना भैरूंदा में उपस्थित होकर प्रथम सूचना रिपोर्ट लेखबद्ध कराई। जिसमें बताया कि मैं दो माह पूर्व स्कूल गई थी, स्कूल में शिक्षक रामभरोस केवट ने मुझे अपने पास बुलाया और गंदी हरकत की। आरोपी उससे शारीरिक छेडछाड़ करता था। आरोपी ने पीडि़ताओं से कहा कि इस घटना के बारे में घर पर किसी नहीं बताना, नही तो तुम्हें और मारूंगा, फिर पीडि़ताओं अपने घर पर जाकर घटना की जानकारी अपने-अपने परिवारजन को बताई। अगले दिन पीडि़ताओं के परिवार वालों ने स्कूल जाकर आरोपी शिक्षक रामभरोस को समझाया तो रामभरोस ने माफी मांगी और कहा कि आगे से ऐसी हरकत नहीं करेगा। मगर कुछ दिन शांत रहने के बाद शिक्षक की बालिकाओं से अश्लील हरकत फिर से शुरू हो गई।
एक दिन स्कूल का लंच होने पर सारे बच्चे ग्राउण्ड में खेलने चले गये जब एक पीडि़ता क्लास में कम्पास रखने गई तब आरोपी ने बुरी नियत से उसका हाथ पकड़ लिया और कमरे का गेट अंदर से लगाकर अश्लील हरकत करने लगा। आरोपी शिक्षक द्वारा ऐसी गंदी हरकत एक से अधिक बालिकाओं के साथ की थी, उन्होनें अपने परिवारजन के साथ पुलिस थाने पर रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस अनुसंधान पश्चात अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। पीडि़ताओं द्वारा न्यायालय में अभियोजन घटना का पूर्ण रूप से समर्थन किया। अभियोजन पक्ष ने कोर्ट में बताया कि आरोपी शिक्षक द्वारा पूर्व में भी शासकीय स्कूल में शिक्षक रहते हुये बालिकाओं के साथ छेड़छाड़ व गंदी हरकत की थी, तब थाना गोपालपुर में प्रकरण दर्ज हुआ था।
अभियोजन द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य से सहमत होते हुये एवं अभियोजन के तर्कों से सहमत होते हुये न्यायालय द्वारा आरोपी रामभरोस केवट को दोषी पाते हुये धारा 354 भादवि में 05 वर्ष का सश्रम कारावास एवं धारा 9/10 पॉक्सो एक्ट में 05 वर्ष का सश्रम कारावास एवं कुल तीन हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया गया।