सीहोर। वन्य जीव प्रेमियों के लिए खिवनी अभयारण्य से दिल को सुकुन देने वाली एक अच्छी खबर सामने आई है। दरअसल अभयारण में दुर्लभ प्रजाति के वन्य प्राणियों के अलावा बाघों की संख्या में तेजी से बढोत्तरी हुई है। वर्तमान में यहां बाघों की संख्या 10 बताई जा रही है। पिछले महीनें जंगल में लगाएं गये ट्रैपिंग कैमरों में 10 बाघ कैप्चर हुए है, जिनमें 5 व्यस्क मादा 3 व्यस्क नर तथा 2 शावक शामिल है, जिनकी मूवमेंट अभयारण्य की अधिकांश बीटों में देखने को मिल रहा है। वन अधिकारियों ने इसकी पुष्टि की है। प्रबंधन इन बाघों की पहचान प्रोफाइल तैयार करने में जुट गया है। सेंचुरी में बाघों की संख्या बढऩे से वन अधिकारी काफी उत्साहित है। यही वजह है कि अभयारण्य में मौजूद संसाधनों का राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण एवं ग्लोबल टाईगर फोरम द्वारा सर्वेक्षण व विश्लेषण कर इसके विकास की कार्ययोजना तैयार की जा रही है।
सीहोर और देवास जिले के 134.778 वर्ग किमी वन परिक्षेत्र में फैली खिवनी सेंचुरी में बाघों की संख्या में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। वर्तमान समय में यहां बाघों की संख्या 10 बताई जा रही है। इसका कारण सेंचुरी का बाघों के लिए सबसे सुरक्षित आशियानों में से एक होना है। इसके अलावा यहां बाघों के लिए पानी के पर्याप्त जल स्त्रोत है, तो विचरण के लिए टेरिटरी एरिया होने के साथ ही पेट भरने के लिए आसानी से शिकार भी उपलब्ध है। सुरक्षा के पुख्ता प्रबंधन समेत अन्य अनुकुल परिस्थितियां होना भी है। यही कारण है कि यहां कई दुर्लभप्रजाति के वन्य जीवों के साथ ही बाघों की संख्या मे साल दर साल बढ़ोतरी हो रही हैं। साल 2022 की बाघ गणना के अनुसार सेंचुरी में 5 बाघ थे, जबकि वर्तमान समय में वन अधिकारी 10 बाघ होना बता रहें है। इनमें 5 व्यस्क मादा, 3 व्यस्क नर एवं 2 शावक शामिल है। इन बाघों की सेंचुरी की अधिकांश बीटों में मूवमेंट होना बताया जा रहा है। इनकी खासियत यह है कि इंसानी बस्तियां नजदीक होने के बावजूद यह सेंचुरी में सर्वाइव कर रहें है। अभी तक मानव बाघ संघर्स की स्थिति नही बनी है। इस संबध में रेंजर भीमसिंह सिसोदिया ने बताया कि सेंचुरी में बाघों का कुनबा लगातार बढ़ रहा है। 2022 की गणना में बाघों की संख्या 5 थी, जो अब बढक़र 10 हो गई है। करीब दो माह पहले जंगल में लगाएं गये ट्रैकिंग कैमरों में 5 व्यस्क मादा 3 व्यस्क नर बाघ के साथ ही 2 शावक केप्चर हुएं है। सेंचुरी प्रबंधन बाघों की सुरक्षा को लेकर सतर्क बना हुआ है।
सेचुरी में बढ़ा बाघों का कुनबा
खिवनी अभ्यारण अधिक्षक विकास माहेरे ने बताया कि अभयारण्य में बाघों के लिए अनुकुल परिस्थति प्राकृतिक वास, पर्याप्त भोजन, पानी और सुरक्षा मिलने से बाघों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। इसके अलावा अन्य दुर्लभ प्रजाति के वन्यजीवों की संख्या में भी इजाफा हो रहा है। इसके साथ ही चुनौतियां भी बढ़ रही है। फिलहाल हम पुरी मुस्तैदी से वन और वन्य प्राणियों की सुरक्षा कर रहें है।