सीहोर। करोड़ों रुपए की संपत्ति परिवहन घोटाले के आरोपी सौरभ शर्मा एवं उनके साथियों को लोकायुक्त कोर्ट से जमानत मिलने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए अखिल भारतीय कांग्रेस सदस्य हरपाल ठाकुर ने कहा कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव जो कि प्रदेश के गृहमंत्री भी है उनकी कार्यप्रणाली के कारण करोड़ों रुपए की बेनामी संपत्ति परिवहन घोटाले के मुख्य आरोपी सौरभ शर्मा एवं उसके साथियों को लोकायुक्त कोर्ट ने इस आधार पर जमानत दे दी कि उनके खिलाफ लोकायुक्त द्वारा 62 दिन बाद भी चालान पेश नहीं किया गया, जिसके कारण परिवहन घोटाले के मुख्य आरोपी को लोकायुक्त कोर्ट द्वारा जमानत देने से मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव जो कि स्वयं प्रदेश के गृहमंत्री भी है की असफलता साफ रूप से झलकती है और उनकी नियत भी प्रदेश के लोगों के सामने है कि वह भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने की जगह उनको लाभ कैसे मिले इस प्रकार से कार्य प्रशासन द्वारा किए जा रहे हैं होना तो यह चाहिए था कि घोटाले के जो असली सूत्रधार है उनको पकडऩा चाहिए था और हैरत करने वाली बात यह है की मध्य प्रदेश सरकार और उनकी पुलिस अभी तक 52 किलो सोने का पता नहीं लगा पाई कि वह किसका है और ऐसे में मुख्य आरोपी को जमानत मिल जाना साफ साबित करता है की शासन, प्रशासन की नियत एवं कार्य प्रणाली भ्रष्टाचारियों को सजा दिलवाना नहीं बल्कि उनको बचाने की दिशा में है।
हरपाल ठाकुर ने कहा कि सीएम डॉ. मोहन यादव को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए, क्योंकि आपके गृहमंत्री रहते हुए इतने बड़े घोटाले के आरोपी को आपकी व प्रशासन की लापरवाही के कारण लोकायुक्त कोर्ट द्वारा जमानत दे दी गई और फिर भी यदि आपकी नीयत साफ है तो आप तत्काल गृहमंत्री का पद छोडि़ए और यह सुनिश्चित कीजिए कि वह सोना किसका है और उसके पीछे कौन से बड़े लोग शामिल है, सबको सलाखों के पीछे भिजवाइए और यदि आप ऐसा नहीं कर पाते हैं तो आपको मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है, आपको तत्काल इस्तीफा दे देना चाहिए।