विधायक सुदेश राय के प्रयासों से 103 गांवों में छायी खुशी

सीहोर। विधायक सुदेश राय के विशेष प्रयासों ने सीहोर विधानसभा क्षेत्र के 103 गांवों में खुशी का माहौल ला दिया है। दरअसल, विधायक सुदेश राय के प्रयास से विधानसभा क्षेत्र के किसानों की वर्षो पुरानी पर्याप्त सिंचाई और पीने का पानी उपलब्ध कराए जाने की मांग पूरी होने जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और जलसंसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने विधायक सुदेश राय के अनुरोध पर कुल 2378 करोड़ रूपये लागत की पार्वती कॉम्प्लेक्स लिफ्ट सिंचाई, पार्वती कालीसिंध लिंक परियोजना एवं जेठला वृहद माइको उद्वहन सिंचाई परियोजना को स्वीकृति प्रदान की थी, जिसका काम भी जारी है। 

दोनों सिंचाई परियोजनाओं से विधानसभा क्षेत्र सीहेार और श्यामपुर तहसील के 110 गांवों के किसानों को सिंचाई के लिए भरपूर पानी उपलब्ध होगा। पूरी परियोजना की लागत की 90 फीसदी शेयर केंद्र सरकार और 10 फीसदी शेयर मप्र सरकार दे रही है। परियोजना के तहत श्यामपुर और करैया में पार्वती नदी पर दो अलग अलग बैराज बनाए जा रहे हैं। सीहोर के जैठला में ही पार्वती नदी पर एक माइक्रो सिंचाई परियोजना और पड़ोन में दो छोटे बांध बनाए जाने का शुरू हो गया है। 

ऐसी है पार्वती कालीसिंध लिंक परियोजना

सिंचाई परियोजनाओं की जानकारी देते हुए विधायक सुदेश राय ने बताया की पार्वती कॉम्प्लेक्स लिफ्ट सिंचाई पार्वती कालीसिंध लिंक परियोजना की लागत कुल अनुमानित लागत 1112 करोड़ 19 लाख रूपये है। परियोजना से कुल 18500 हेक्टेर रकबा सिंचित होगा। परियोजना से क्षेत्र के 40 गांव के किसानों को लाभ मिलेगा। जिस के लिए पार्वती नदी पर करैया एवं श्यामपुर बैराज का निर्माण कर करैया बैराज के पानी को श्यामपुरा बैराज में डाला जाएगा। इस महत्वाकांक्षी सिंचाई परियोजना में कुल 1954.364 हेक्टेयर भूमि डूब में आएगी जिस में कुल 793.01 हेक्टर भूमि सरकारी है और 1161.35 हेक्टर भूमि निजी है। 

इतना रहेगा बैराज में पानी

जलसंसाधन सिंचाई विभाग के मुताबिक करैया और श्यामुपर बैराज में कुल 70.89 मि.घ. मीटर पानी का भराव होगा जिस में करैया बैराज में कुल 35.59 मि.घ. मीटर एवं श्यामपुर बैराज मेंं 35.30 मि.घ. मीटर पानी रहेगा। परियोजना में वार्षिक अधिकतम विद्युत खपत 10.06 मेगावाट के लगभग होगा। विद्युत व्यय पर प्रति वर्ष 8167 प्रति हेक्टेयर खर्च होगा। 

ऐसी है जेठला वृहद माइको परियोजना

विधायक सुदेश राय ने जेठला वृहद माइको उद्वहन सिंचाई परियोजना को लेकर बताया की इस परियोजना की अनुमानित लागत 1266 करोड़ 66 लाख रूपये है। इस परियोजना से लगभग 29 हजार हेक्टेयर रकबा सिंचित होगा। पार्वती नदी पर निर्माणाधीन पार्वती रिन्सी बांध से पानी लेकर बांध में भंडारण किया जाएगा। परियोजना में क्षेत्र की कुल 1259,64 हेक्टेयर भूमि डूब में आएगी। जिस में 123.86 हेक्टेयर भूमि सरकारी है और 250.00 हेक्टेयर भूमि वन विभाग और 885.77 हेक्टेयर भूमि निजी लोगों की है। 

शुरू हुआ काम, किसानों को ब्रेसब्री से इंतजार

जलसंसाधन सिंचाई विभाग के मुताबिक परियोजना के अंतर्गत बनाएं जाने वाले बांध में कुल 101 मि घन मीटर पानी भराव की क्षमता होगी। परियोजना के संचालन में प्रति वर्ष 23.35 मेगावाट की बिजली की खपत होगी जिस पर कुल प्रति वर्ष 12093 प्रति हेक्टेयर खर्च आएगा। जेठला वृहद माइको उद्वहन सिंचाई परियोजना से क्षेत्र के कुल 70 गांवों के किसानों को लाभ मिलेगा। दोनों ही परियोजनाओं का काम शुरू हो चुका है, जिसमें करीब 20 से 30 प्रतिशत काम हो चुका है। क्षेत्र के किसानों को भी बेसब्री से इंतजार है कि जल्द काम पूरा हो, जिससे क्षेत्र हरा भरा हो सके।

इन गांवों को मिलेगा फायदा 

इन परियोजनाओं से विधानसभा क्षेत्र सीहेार के ग्राम दुर्ग, महुआखेड़ा, मगरदीखुर्द, चांदबाद, जांगिड़, मानपुरा, बिसनखेड़ा, रावतखेड़ा, छतरपुरा, पाटेर, अछारोही, सीलखेड़ा, जुंगराजपुरा बाजारगांव, बरखेड़ाहसन, पड़ालिया, कोलूखेड़ी, पथरिया, मोतीपुरा, भेरूपुरा, मराठी, चरनाल, गड़ी, फंदा, हीरापुर, मझेड़ा, सुआखेड़ी, बासिया, रावनखेड़ा, पानविहार, श्यामपुर, टप्परबिछिया, बिछिया, भाटपुरा, चैनपुरा, सिंकंदरगंज, इमलियाहसन, गवा, सातनवारी, लोधीपुरा, उमरझिरी, काकूखेड़ी, अरनिया सुल्तानपुर, पीलूखेड़ी, पडिय़ाला, बैरागढ़ छतरी, पीपलखेड़ा, हसनपुर टिटोनिया, बनखेड़ा, अहमदपुर, अमजद नगर, नाईहेड़ी, देहरी, बदरकासिनी, दौलतपुरा, हत्याखेड़ा, इमलियाभोज, मंडखेड़ा, हिनोती, खाईखेड़ा, बरखेड़ा देवा, कालिकेड़ी, सोठी, बैरागढ़ खुमान, बमुलिया दोराहा, घाटपलासी, निपानियाखुर्द, निपानियाकलां, मगरखेड़ा, रामपलासी, कचनारिया, सिराड़ी, बराड़ीकलां, धनखेड़ी, खुशामदा, झरखेड़ा, मुंजखेड़ा, डम्पिंग, बरखेड़ा खरेट, चौकी, शाहजहापुर, भोज, बरखेडी, कतपोन, सोनकच्छ, सतपोन, जमुनियाखुर्द, बराड़ीकलां, सतोरनिया, तोरनिया, छापरी , झागरिया, निवारिया, मित्तूखेड़ी, गुलखेड़ी, कादमपुर, मुख्तार नगर, कादराबाद, सरखेड़ा, खण्डवा, धोबीखेड़ी, खजुरियाकलां, खजुरियाखुर्द, जाजनखेड़ी, नौनीखेड़ी काजी, करंजखेड़ा गांव के किसानों को सिंर्चाइ परियोजनाओं का लाभ मिलेगा।



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