शहर के बीचों-बीच से निकलेंगे 4-4 किमी के दो फोरलेन, मुरली रोड पर बनेगा ROB

 

-शहर में 4-4 किमी के दो फोरलेन और एक आरओबी बनेगा, 





गल्ला मंडी सीधे जुड़ेगा भोपाल और इंदौर नाका से

सीहोर। सीहोर शहर भी बड़े शहरों और महानगरों की राह पर चलता हुआ नजर आने लगा है। सीहोर को एक के बाद एक खुशखबरी मिल रही है। कस्बे रूपी शहर को विकास के पंख लग गए हैं और सीहोर के अच्छे दिन नजर आने लगे हैं। शहर का पुराना इंदौर-भोपाल रोड फोरलेन हो जाने के बाद अब शहर के बीचों-बीच से निकलने वाले दो मुख्य सडक़ों पर फोरलेन की मंजूरी मिलने से शहर की रफ्तार तेज हो जाएगी। इनमें एक फोरलेन इंदौर नाके से गणेश मंदिर चौराहा, शुगर फेक्ट्री फेक्ट्री चौराहे से रेलवे ओवरब्रिज तक पहुंचेगा। जबकि दूसरा फोरलेन भोपाल नाके से मुरली, सायलो, पुलिस लाइन, मातामंदिर मंडी होते हुए  मंडी थाने पहुंचेगा। इसके साथ ही मुरली अंडर ब्रिज की जगह ओवरब्रिज बनाया जाएगा।  

विधायक सुदेश राय के प्रयासों से सीहोर को विकास के पंख लग गए हैं। सीहोर  शहर में आने के लिए कस्बे नुमा छोटे-छोटे रोड वाहन चालकों की परेशानी का कारण रहते थे। इसके कारण शहर का व्यापार भी पूरी  तरह से प्रगति के पथ पर नहीं चल रहा था। बड़े-बड़े  व्यवसायी सीहोर में व्यापार करने से हाथ खींच लेते थे।  शहर के मंडी क्षेत्र से सीहोर का काफी नाम है, लेकिन गल्ला मंडी क्षेत्र में भी आने-जाने के लिए संकरे सडक़ मार्ग के अलावा कोई कनेक्टिीविटी नहीं थी। इसके कारण गल्ला मंडी में आने -जाने के लिए भी किसानों के अलावा मंडी के व्यापारियों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इन्हीं समस्याओं को विधायक सुदेश राय ने महसूस किया और शहर के विकास के लिए गल्ला मंडी क्षेत्र को सीधे भोपाल और इंदौर जैसे महानगरों से जोडऩे को मूर्तरूप देने की न केवल योजना बनाई, बल्कि इसे अंजाम तक पहुंचाने के लिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से मंजूरी भी दिलाई। विधायक श्री राय के इस प्रयास से शहर के बीचों-बीच से चार-चार किमी के दो फोरलेन की मंजूरी मिल गई इसके साथ ही मुरली रोड पर ओवरब्रिज का निर्माण भी किया जाएगा। शहर के बीचों-बीच से एक साथ दो फोरलेन बनने से शहर का विकास का पहिया तेजी से गति पकड़ेगा और शहर के बाहर के व्यापारी भी सीहोर में व्यापार करने तेजी से आगे आएंगे।

पहली सौगात-इंदौर नाके से लुनिया चौराहा तकफोरलेन  

पहला फोरलेन इन्दौर नाका से वाया गणेश मंदिर चौराहा, शुगर फैक्ट्री चौराहा, लुनिया चौराहा होकर रेल्वे ओवरब्रिज तक निर्माण होगा। करीब चार किमी लंबा ये मार्ग सीसी रोड बनने के साथ ही विद्युतीकरण व मार्ग के बीच में डिवाइडर के साथ मंजूर किया गया है।  इन्दौर नाका से रेल्वे स्टेशन ब्रिज मार्ग इन्दौर रोड स्थित पुराने इंदौर-भोपाल रोड फोरलेन से ग्रामीण अंचल को जोड़ता है। जिससे इस मार्ग पर हल्के एव भारी वाहनो का हमेशाआवागमन होता रहता है। रोड सकरा होने से आवागमन में काफी परेशानी होती है। इस मार्ग को टू लेन से फोरलेन में परिवर्तित किया जाना अतिअवश्यक महसूस किया जा रहा था। साथ ही शहरी क्षेत्र होने से उक्त मार्ग पर सौन्दर्यकरण के साथ विद्युतीकरण कार्य की भी अवश्यकता महसूस हो रही थी। इस फोरलेन के बनने से इंदौर तरफ से आने वाले वाहन सीधे सीहोर गल्ला मंडी से जुड़ जाएंगे और सीहोर के शहरी क्षेत्र में आने के लिए वाहन चालकों को काफी सुविधा मिलेगी। इससे शहर के व्यापार को काफी लाभ मिलेगा। 

दूसरी सौगात-भोपाल नाके से मंडी थाने तक फोरलेन तथा मुरली रेलवे क्रासिंग पर ओवरब्रिज


शहर का दूसरा फोरलेन शहर के बीचों-बीच मंडी थाने से निकलकर भोपाल नाके तक पहुंचेगा। करीब चार किमी लंबा ये फोरलेन मंडी थाने से भोपाल नाका तक वाया माता मंदिर चौराहा जनपद, पुलिस लाइन, सायलो- मुरली होकर भोपाल नाका तक बनेगा। इस फोरलेन पर भी सीसी रोड निर्माण के साथ मुरली रेलवे क्रासिंग 103 पर ओवरब्रिज का निर्माण भी होगा। इससे गल्ला मंडी क्षेत्र की कनेक्टीविटी सीधी भोपाल आने और जाने वाले वाहनों से जुड़ जाएगी और बड़े वाहन भी आसानी से शहर के इस कोने से दूसरे कोने तक आ-जा सकेंगे।  ज्ञात रहे कि नगर सीहोर में शहर के पास  103 मुरली रेल्वे ्रक्रासिंग है। संपूर्ण ग्रामीण एवं मण्डी क्षेत्र के आमजनों को भोपाल आवागमन हेतु भोपाल नाके से होकर जाने का यह मुख्य मार्ग है जिस पर पूरे समय वाहनों को आवागमन होता रहता है। अंडर रेल्वे क्रासिंग होने से वर्षाकाल में इसमें पानी भरा रहता है जिसके कारण वाहनों के आवागमन में काफी परेशानी होती है । मुरली रेलवे क्रांसिग पर ओवरब्रिज की काफी आवश्यकता महसूस की जा रही थी। मंडी थाने से भोपाल नाका मार्ग ग्रामीण अंचलो से भोपाल मार्ग को जोडता है। उक्त मार्ग पर मण्डी होने से कृषको के वाहन ट्रैक्टर ट्राली, भारी वाहनो का हमेशा आवागमन रहता है। रोड सकरा होने से आवागमन में काफी परेशानी हो रही थी। इस मार्ग को टू लेन से फोरलेन में परिवर्तित किए जाने के साथ ही इसका सौन्दर्यकरण, विद्युतीकरण होने से शहर के विकास को काफी लाभ मिलेगा।

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