सीहोर। अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस पर जिले के वन्यजीव प्रेमियों के लिए अच्छी खबर है। वन विभाग के अनुसार जिले के बाघों की संख्या 20 से अधिक हो गई है। जिले के रातापानी क्षेत्र बाघों का मुख्य ठिकाना है।
बता दें जिले का रातापानी क्षेत्र वन्यजीवों का खास ठिकाना है। रायसेन और सीहोर जिलों में फैला यह अभयारण्य, जिसका क्षेत्रफल 907 वर्ग किलोमीटर है। यह बाघों के लिए एक सुरक्षित स्थान माना जाता है। बाघों के साथ-साथ सीहोर के वन क्षेत्रों में लगभग 350 तेंदुए भी मौजूद हैं। हालांकि, बुधनी के मिडघाट इलाके में रेलवे ट्रैक पर बाघों की मौत की खबरें चिंता का विषय बनी हुई हैं।
जमीन पर नहीं उतरा वन विभाग का दावा
बीते साल बुदनी मिडघाट ट्रेक पर ट्रेन की चपेट में आने की वजह से तीना बाघों की मौत हो गई थी, जिसमें बाघिन की मौत तो घटना स्थल पर हो गई थी, जबकि शावकों ने राजधानी भोपाल स्थित वन विहार में दम तोड़ा था। खास बात यह थी इन बाघ शावकों को बचाने के लिए तत्कालीन कलेक्टर प्रवीण सिंह स्पेशल ट्रेन से बुदनी मिटघाट पहुंचे थे फिर यहां से बाघों को बिठाकर भोपाल वन विहार पहुंचे थे, हालांकि बाघ शावकों को बचाया नहीं जा सकता था, लेकिन तत्कालीन कलेक्टर के इन प्रयासों को जमकर सराहना हुई थी।