कुबेरेश्वर धाम: थमा मौतों का सिलसिला, मिसिंग बरकरार, 24 घंटे में 10 के लापता की सूचना

- दूर प्रदेशों के परिजन अपनों को खोजने के लिए हो रहे परेशान

- लोकल के सामाजिक कार्यकर्ताओं से सोशल मीडिया के माध्यम से ले रहे मदद

सीहोर। कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा की अगुवाई में 6 अगस्त बुधवार को भव्य कांवड़ यात्रा निकली। कांवड़ यात्रा में सम्मिलित होने के लिए देश के अनेक राज्यों से श्रद्धालु पहुंचे। अनुमान लगाया जा रहा है कांवड़ यात्रा में दो लाख से ज्यादा श्रद्धालु शामिल हुए। इस दौरान शहर में धर्ममय माहौल रहा, लेकिन अव्यवस्थाओं की वजह से यह आयोजन चर्चाओं में भी खूब रहा। आयोजन के दौरान अब तक अन्य प्रदेशों के 7 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है। मंगलवार से लेकर गुरुवार तक लगातार तीन दिन मौतों का सिलसिला जारी रहा। इधर शुक्रवार को मौतों का सिलसिला थाम तो लापता लोगों की सूचनाएं शहरवासियों को मन में पीड़ा दे रही है। 

बता दें कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा की अगुवाई में साल 2022 से कांवड़ यात्रा निकाली जा रही है। साल दर साल कांवड़ यात्रा में श्रद्धालुओं की संख्या में इजाफा होता जा है। इस वर्ष यात्रा का चौथा वर्ष था। पंडित प्रदीप मिश्रा ने देशभर में आयोजित कथाओं के दौरान श्रद्धालुओं से कांवड़ यात्रा में सम्मिलित होने का आव्हान किया था, नतीजतन पं. मिश्रा के आव्हान पर देश भर से बड़ी संख्या में श्रद्धालु यात्रा में सम्मिलित हुए। अनुमानित श्रद्धालुओं की यह संख्या 200 लाख से पार बताई जा रही है। 

बना श्रद्धामय माहौल

पं. प्रदीप मिश्रा के आव्हान के चलते शहर में सावन मास के पहले ही दिन से धर्ममय माहौल है। पं. प्रदीप मिश्रा ने तो एक ही दिन 6 अगस्त को कांवड़ यात्रा में सम्मिलित होने का आव्हान श्रद्धालुओं से किया था, लेकिन देखने में आ रहा था कि सावन के पहले ही दिन से श्रद्धालु देश के कोने-कोने से सीहोर आ रहे थे और सीवन नदी तट से जलकर भरकर पैदल चलकर कुबेरेश्वर धाम पहुंच रहे थे। इस तरह के माहौल से यह शहर शिवनगरी से कम नजर नहीं आ रहा था। 

मौतों ने पहुंचाया दुख

आयोजन में दुखद बात यह रही कि महज 3 दिन में ही सात श्रद्धालुओं की मौत हुई है। कांवड़ यात्रा के एक दिन पहले मंगलवार को 2 लोगों की मौत हुई, जबकि बुधवार को 3 और गुरुवार को 2 लोगों की मौत हुई। अब तक उत्तर प्रदेश के गोरखपुर तहसील पिपराइच बड़ा टोला निवासी 22 वर्षीय उपेन्द्र गुप्ता पिता प्रेम गुप्ता, 40 वर्षीय अनिल पिता महावर निवासी ग्राम खेड़ाकलां दिल्ली, संगीता गुप्ता (48) और जसवंती बहन (56), श्रद्धालु चतुर सिंह (50) और ईश्वर सिंह (65) सहित 7 लोगों की मौत हुई। अच्छी बात यह रही कि शुक्रवार को इस तरह की दुखद खबर सुनने को नहीं मिली।

मिसिंग का सिलसिला बरकरार

अच्छी बात यह है कि तीन दिन से जारी मौतों का सिलसिला शुक्रवार को थमा रहा, शुक्रवार को दुखद खबर सुनने को नहीं मिली, लेकिन मिसिंग का सिलसिला बरकरार है। यहां आए लोग अपने परिजनों से बिछड़ गए हैं। बाहर के लोग यहां लोकल समाजसेवियों के माध्यम से सोशल मीडिया के माध्यम से अपनों को ढूंढने का प्रयास कर रहे हैं। एक सामाजिक कार्यकर्ता के सोशल मीडिया के फेसबुक पेज पर 24 घंटे में 10 लोगों की मिसिंग की जानकारी पोस्ट की गई है। 

गुरुवार शाम 4 बजे से शुक्रवार शाम 4 बजे तक 

- मधु पांडे, निवासी दिल्ली। 

- निर्दली देवी पति रामशिरोमणि निवासी ग्राम बहुता चकडाही, तहसील सुरियावां, जिला भदोही उत्तर प्रदेश

- पूनम पाण्डेय पति उपेन्द्र पाण्डेय, निवासी भागलपुर बिहार (आधार नं. 790303584030)


- रायगढ़ छत्तीसगढ़ निवासी रम्भा भट्ट की 14 भांजी लापता.

- केसर यादव उम्र 62 साल, निवासी अम्बाला केंट हरियाणा.

- उषा देवी उम्र 55 साल, निवासी फुलवारी शरीफ पटना बिहार.

- चंचल, उम्र 23 साल, 6 अगस्त से ही कुबेरेश्वर धाम से लापता.

- सुनीता बुचाले, निवासी परभणी क्रांतिनगर गंगाखेड़ रोड जिला परभणी.

- किसना बाई गाडगे, निवासी परभणी क्रांतिनगर गंगाखेड़ रोड जिला परभणी.

- शांताबाई भोसले, निवासी क्रांतिनगर गंगाखेड़ रोड जिला परभणी.


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