सीहोर। शासकीय महिला पॉलिटेक्निक कॉलेज एक बार फिर विवादों में आ गया है। इस बार मामला प्रथम वर्ष की छात्राओं से जुड़ा है। प्रवेश लिए हुए एक माह से अधिक का समय बीत चुका है, लेकिन अभी तक कक्षाएं शुरू नहीं हुई हैं। न तो किताबें मिली हैं, न स्टेशनरी और न ही कोई नियमित पढ़ाई हो रही है।
जानकारी के अनुसार इस साल 60 छात्राओं ने प्रथम वर्ष में प्रवेश लिया है। उनका कहना है कि उन्हें तकनीकी शिक्षा प्राप्त करने की उम्मीद थीए लेकिन कॉलेज का माहौल बिल्कुल विपरीत है। छात्रा दिव्या, सुहानी, ललिता, वर्षा, दिशा, स्मिता, रामदेवी, नगीना, आशा और प्रवन्या ने बताया कि उन्हें रोजाना कॉलेज बुलाया जाता है और फिर लैब में बैठा दिया जाता है। पढ़ाई का कोई इंतजाम नहीं है।
किताबें और स्टेशनरी नदारद
प्रवेश के समय छात्राओं को आश्वासन दिया गया था कि उन्हें स्टेशनरी और किताबें नि:शुल्क उपलब्ध कराई जाएंगी। लेकिन एक महीने बाद भी उन्हें कुछ नहीं मिला। छात्राओं का कहना है कि कॉलेज प्रशासन केवल उन्हें टालता है। उनकी चिंता है कि अगर क्लासेस शुरू नहीं हुईं तो उनका पूरा साल बर्बाद हो जाएगा।
छात्राओं के बीच गहरी नाराजगी
छात्राओं ने आरोप लगाया कि कॉलेज के शिक्षक दिनभर कॉलेज में रहते जरूर हैं, लेकिन पढ़ाने की जिम्मेदारी निभाते नहीं। प्रिंसिपल भी कॉलेज में नियमित रूप से मौजूद नहीं रहते। इससे छात्राओं के बीच गहरी नाराजग़ी है। उनका कहना है कि ऐसी संस्था में कोई क्यों प्रवेश लेगा, जहां पढ़ाई ही न हो।
अनुसूचित जाति की छात्राएं प्रभावित
ज्यादातर छात्राएं अनुसूचित जाति वर्ग से आती हैं। उनका कहना है कि अगर उन्हें शिक्षा का अवसर सही तरीके से नहीं मिला तो उनके भविष्य पर गहरा असर पड़ेगा। उन्होंने मांग की है कि विभागाध्यक्ष विश्वास सर को हटाया जाए और तुरंत नियमित कक्षाएं शुरू कराई जाएं। छात्राओं ने प्रशासन से मांग की है कि कॉलेज की वास्तविक स्थिति को सुधारने के लिए सख्त कदम उठाए जाएं। उनका कहना है कि कॉलेज की लापरवाही से उनका करियर खतरे में पड़ रहा है। यदि स्थिति नहीं सुधरी तो उन्हें मजबूरन आंदोलन करना पड़ेगा।
हॉस्टल की दुर्दशा
कॉलेज के हॉस्टल की स्थिति भी बेहद खराब बताई जा रही है। छात्राओं ने दबे स्वर में कहा कि छह माह से पानी की टंकी साफ नहीं हुई है। वार्डन पूजा मैडम एक माह के अवकाश पर हैं और उनका चार्ज किसी अन्य को नहीं सौंपा गया है। परिणामस्वरूप कोई उनकी समस्याओं को सुनने वाला नहीं है।
पुराने विवादों का रिकॉर्ड
पिछले एक साल का रिकॉर्ड देखें तो महिला पॉलिटेक्निक कॉलेज लगातार विवादों में रहा है। हाल ही में स्टेनो प्रैक्टिकल परीक्षा में एक ही विषय में 25 छात्राओं को एक साथ असफल कर दिया गया था। इससे नाराज छात्राओं ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर विरोध दर्ज कराया था। इसके अलावा हॉस्टल में आत्महत्याए भोजन की गुणवत्ता और भवन रखरखाव से जुड़ी शिकायतें भी सामने आईं।
मैं अभी अवकाश पर हूं
इस संबंध में पॉलिटेक्निक कॉलेज के प्राचार्य चंद्रशेखर ढाभू का कहना है कि में अभी अवकाश पर हूं। क्लासेस चालू हो गई है, जानकारी लेकर और बताता हूं।