सीहोर में फिर चमका राजीव गुजराती का सितारा



सीहोर। मध्यप्रदेश


कांग्रेस कमेटी ने संगठन सृजन अभियान के तहत जिला अध्यक्षों की नई सूची जारी की है। इस सूची में सीहोर जिले का चेहरा फिर से पुराना ही रहा। पार्टी ने वर्तमान जिला कांग्रेस अध्यक्ष राजीव गुजराती पर दोबारा भरोसा जताते हुए उन्हें ही जिले की कमान सौंप दी है। यह फैसला कांग्रेस के लिए रणनीतिक दृष्टि से बेहद अहम माना जा रहा है क्योंकि सीहोर हमेशा से राजनीतिक दृष्टि से संवेदनशील और निर्णायक जिला रहा है।


संगठन सृजन अभियान का हिस्सा


कांग्रेस हाईकमान ने लंबे समय से जिले-दर-जिले संगठन मजबूत करने की कवायद शुरू कर रखी थी। इसके तहत पर्यवेक्षकों को भेजा गया, जिन्होंने विधानसभा और ब्लॉक स्तर पर जाकर नेताओं व कार्यकर्ताओं से राय ली। इसी प्रक्रिया का परिणाम यह नियुक्ति रही। राजीव गुजराती की दोबारा ताजपोशी बताती है कि पार्टी नेतृत्व उनके संगठनात्मक कौशल और कार्यकर्ताओं से जुड़ाव पर भरोसा कर रहा है। 


जीतू पटवारी के करीबी


राजीव गुजराती की पहचान सिर्फ एक जिला अध्यक्ष तक सीमित नहीं है। वह प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी के बेहद करीबी माने जाते हैं। राजनीतिक गलियारों में माना जा रहा है कि पटवारी का सीधा समर्थन उन्हें लगातार मजबूती देता आया है। राजीव नगर पालिका सीहोर के वार्ड क्रमांक 5 से पार्षद हैं और लंबे समय से सक्रिय राजनीति में अपनी जगह बनाए हुए हैं। 


युवा कांग्रेस और एनएसयूआई से मिली पहचान


राजीव गुजराती की राजनीति की जड़ें छात्र राजनीति और युवा संगठन से जुड़ी हैं। वह एनएसयूआई और युवा कांग्रेस के जिला अध्यक्ष भी रह चुके हैं। इस दौरान उन्होंने युवाओं को कांग्रेस से जोड़ने और संगठन को निचले स्तर तक मजबूत करने का काम किया। आज उसी अनुभव का लाभ उन्हें दोबारा जिला अध्यक्ष बनने में मिला है।


कार्यकर्ताओं में उत्साह की लहर


जैसे ही राजीव गुजराती का नाम घोषित हुआ, जिले भर के कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर दौड़ गई। समर्थकों ने इसे कांग्रेस के संगठनात्मक भविष्य के लिए बड़ा कदम बताया। जगह-जगह कार्यकर्ताओं ने मिठाइयां बांटी और पटाखे फोड़कर अपनी खुशी जाहिर की। राजीव के समर्थकों का कहना है कि उनकी अगुवाई में सीहोर कांग्रेस पहले से ज्यादा मजबूत होगी और आने वाले चुनावों में पार्टी को जीत दिलाने की क्षमता रखेगी।


चुनावी समीकरणों पर असर


राजीव गुजराती का दोबारा जिला अध्यक्ष बनना आने वाले समय के लिए कांग्रेस की रणनीति को प्रभावित करेगा। माना जा रहा है कि उनका युवाओं और जमीनी कार्यकर्ताओं से सीधा संपर्क पार्टी के वोट बैंक को मजबूती देगा। सीहोर की सियासत में यह नियुक्ति भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधे टकराव को और तेज करने वाली साबित हो सकती है।

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