एसबीआई कियोस्क सेंटर का बड़ा फर्जीवाड़ा, आवास व पेंशन की राशि हड़पी, थाने पहुंचा मामला

 


श्यामपुर में उजागर हुआ बड़ा घोटाला, हितग्राहियों की योजनाओं की राशि यूं ही गायब, ग्रामीणों में आक्रोश

सीहोर। जिले के श्यामपुर में भारतीय स्टेट बैंक के कियोस्क सेंटर का घोटाला उजागर हुआ है। श्यामपुर निवासी सजीदा बी पत्नी शिब्बू अली ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई कि उनके खाते में जमा प्रधानमंत्री आवास योजना की पहली किस्त ₹25,000 और हर माह आने वाली पेंशन की राशि को कियोस्क संचालक ने फर्जी तरीके से निकाल लिया। सजीदा बी के अनुसार, 14 जुलाई को उनके एसबीआई खाते में योजना की राशि जमा हुई थी। जब वह कियोस्क सेंटर से पैसे निकालने गईं, तो संचालक लगातार करीब एक माह तक उन्हें टालता रहा और कहता रहा कि राशि अभी नहीं आई। आखिरकार उन्होंने बैंक से स्टेटमेंट निकलवाया तो सारा खेल सामने आया।

मोबाइल नंबर से किया गया फर्जी लेन-देन

बैंक स्टेटमेंट से खुलासा हुआ कि मोबाइल नंबर 9893104513 का उपयोग कर यूपीआई के माध्यम से उनके खाते से धीरे-धीरे पूरी राशि निकाल ली गई। यह रकम पेंशन और योजना की किस्त दोनों को शामिल करती है। पीड़िता ने पुलिस को स्टेटमेंट भी सौंपा है। पीड़िता सजीदा बी ने साफ तौर पर आरोप लगाया कि कियोस्क सेंटर संचालक कल्याण नामक व्यक्ति ने ही उनके साथ धोखाधड़ी की है। उनके मुताबिक कल्याण ने जानबूझकर रकम निकाली और उन्हें गुमराह करता रहा।

कई पेंशनधारियों के साथ गड़बड़ी

सूत्रों के अनुसार यह धोखाधड़ी सिर्फ एक महिला के साथ नहीं, बल्कि कई पेंशनधारियों के साथ हुई है। संचालक उन्हें भी बार-बार पैसे न आने की बात कहकर टालता रहा। ग्रामीणों का कहना है कि कई लोग पिछले महीनों से चक्कर काट रहे हैं।

पुलिस ने की जांच शुरू

श्यामपुर थाना प्रभारी संध्या मिश्रा ने बताया कि पीड़िता का आवेदन पुलिस को प्राप्त हुआ है। मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच शुरू कर दी गई है। पुलिस अब मोबाइल नंबर और कियोस्क संचालक की भूमिका खंगाल रही है।

सरपंच ने जताया आश्चर्य

श्यामपुर के सरपंच नवीन चौहान ने इस घटना पर हैरानी जताई और कहा कि सरकार ग्रामीणों को आवास योजना का लाभ दिला रही है, लेकिन बीच में ही फर्जीवाड़ा कर राशि हड़प ली जा रही है। उन्होंने पीड़िता को न्याय दिलाने का भरोसा दिया है।

ग्रामीणों में आक्रोश

इस घटना से पूरे क्षेत्र में सनसनी फैल गई है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर सरकारी योजनाओं की राशि तक सुरक्षित नहीं है, तो गरीब और बुजुर्गों को न्याय कैसे मिलेगा। अब सबकी नजरें पुलिस की जांच पर टिकी हुई हैं।

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