*पत्रकार सतेंद्र जैन*
आज अवसर पर सुबह 5:00 बजे मंदिरजी में ध्यान सामायिक श्रदेय बाल ब्रह्मचारी संत दशमी प्रति मा धारी आत्मानंद जी महाराज ज्ञान मय में मन मोहक प्रवचनो के अनको जिला से आय लोग कभी भाभूक होते तो कभी खिल खिला उठते कटनी बड़गांव से सेठ चंपा लाल जी जैन बिनोरानी जैन पूर्व पंच सेठ सतीश जैन नीतू जैन सेठ सतेंद्र कुमार जैन पत्रकार विभा बिनोद कुमार जैन नीलेश संगीता जैन अभय सरिता जैन भोपाल सुभम ज्योति जैन दमोह पर्णय जैन सोहगपुर आदित्य शिल्पी जैन भोपाल मंडीदीप मोशी तारा बाई जैनतर्वाधिराज पर्युषण महापर्व एक पवित्र जैन त्यौहार है जो आध्यात्मिक विकास और आत्म-शुद्धि पर केंद्रित है। पूज्य गुरुदेव श्री नम्रमुनि महाराज और पूज्य गुरुदेवश्री राकेशजी जैसे धार्मिक गुरु इस पर्व के दौरान गहरे आध्यात्मिक प्रवचनों और शिक्षाओं के माध्यम से भक्तों का मार्गदर्शन करते हैं। गुरुदेवश्री राकेशजी के प्रवचनों में क्षमा, आत्म-चिंतन और परमात्मा से जुड़ने पर विशेष बल दिया जाता है।
पर्युषण महापर्व के बारे में मुख्य बातें
पवित्र समय:
यह जैन धर्म में एक पवित्र समय है, जब भक्त आध्यात्मिक प्रथाओं के माध्यम से अपने आत्म को शुद्ध करते हैं और परमात्मा के करीब आते हैं।
गहन चिंतन और क्षमा:
इस पर्व का मुख्य उद्देश्य गहन चिंतन, क्षमा और आध्यात्मिक उत्थान है, जो इसे अन्य त्योहारों से विशिष्ट बनाता है।
गुरुओं का मार्गदर्शन:
पूज्य गुरुदेवश्री जैसे आध्यात्मिक गुरु अपने प्रवचनों के माध्यम से लोगों को ज्ञानवर्धक शिक्षाएं देते हैं, जिससे भक्तों का जीवन रोशन होता है।
आध्यात्मिक प्रथाएं:
पर्युषण पर्व के दौरान भक्त विभिन्न आध्यात्मिक प्रथाओं में संलग्न होते हैं, जो आत्मा के शुद्धिकरण में सहायक होती हैं।
आधुनिक प्रासंगिकता:
गुरुदेव श्री जैसे संत इस पारंपरिक त्योहार के संदेशों को आधुनिक दृष्टिकोण से प्रस्तुत करते हैं, जिससे यह वर्तमान समय के लिए प्रासंगिक बना रहता है।
संक्षेप में, पर्युषण पर्व एक ऐसा समय है जब गुरुभक्त आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त करते हैं और आत्मा के उच्चतर स्तर की ओर बढ़ते हैं।