पांचवें दिन भी अडिग रहा किसानों का जल सत्याग्रह, बीमा राशि की मांग पर थाली बजाकर जताया आक्रोश, अफसर में किसाने के बीच नदी में जाकर लिया ज्ञापन
सीहोर।किसानों का जल सत्याग्रह शनिवार को पांचवें दिन भी जारी रहा। थाली बजाकर किसानों ने अपनी नाराज़गी जताई और प्रशासन को चेताया कि जब तक फसल बीमा राशि का भुगतान नहीं होगा, उनका आंदोलन जारी रहेगा। सीहोर जिले की सीवन नदी में किसान पानी में खड़े होकर अपनी आवाज़ बुलंद कर रहे हैं।
इस दौरान प्रशासनिक अमला और कृषि विभाग के अधिकारी शनिवार को सीवन नदी पहुंचे और किसानों की बात सुनी। अधिकारी खुद पानी में उतरकर किसानों के बीच गए और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नाम ज्ञापन लिया। कृषि विभाग के वरिष्ठ अधिकारी कमल सिंह ठाकुर ने किसानों को भरोसा दिलाया कि उनकी मांग शासन तक पहुँचाई जाएगी।
5 सालों से किसानों को फुटी कोड़ी नहीं मिली
जल सत्याग्रह का नेतृत्व समाजसेवी एम.एस. मेवाड़ा और किसान नेता हिम्मत सिंह मेवाड़ा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यदि बीमा योजना का लाभ राजस्थान से एक साथ जारी किया गया। फिर मध्यप्रदेश के किसानों के साथ छलावा क्यों हुआ? किसानों ने चेताया कि यदि जल्द ही बीमा राशि नहीं दी गई तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।
पांच वर्षों से अधूरी बीमा की मांग
श्री मेवाड़ा सहित किसानों का कहना है कि विगत पांच वर्षों से खराब हुई सोयाबीन व अन्य फसलों का बीमा उन्हें नहीं मिला। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की घोषणा 2016 में सीहोर जिले से हुई थी, प्रधानमंत्री मोदी जी ने कहा था कि यदि एक किसान का भी नुकसान प्रकृतिक आपदा से होता है तो अकेले किसान को ही फसल बीमा योजना का लाभ मिलेगा, लेकिन हो रहा है इसके उलट। गांव के गांव में किसानों का फसल खराब होने के बाद भी बीमा राशि का भुगतान नहीं मिला है। इस बात को लेकर किसानों ने कृषि अधिकार को ज्ञापन सोपा। कई बार ज्ञापन देने और आंदोलन करने के बावजूद उनकी मांग अधूरी रही है।