सतेंद्र जैन
कटनी। बच्चों की उपस्थित कितनी भी हो भोजन तो छोटे बर्तन मैं ही बनेगा । चाहे भले ही बच्चों को पर्याप्त भोजन मिल पाए,या ना मिल पाए यह हाल है रीठी जनपद शिक्षा केंद्र क्षेत्र की शासकीय माध्यमिक शाला मुहास का l जहा समूह की खाना बनाने वाली महिलाओं ने बताया कि वर्षों से है बच्चो का भोजन इसी छोटे बर्तन में ही पकाया जा रहा है चाहे बच्चों की र्संख्या कितनी भी हो , कभी-कभी दुबारा से भोजन पकाना पड़ जाता है । कई बार शाला प्रबंधक से बड़े बर्तन दिलाए जाने की मांग की गई परंतु आज दिनांक तक बड़े बर्तन उपलब्ध नहीं करवाए गए है छोटे बर्तनों में ही खाना पकाया जा रहा था वही पुलाव की मात्रा अधिक होने के कारण पुलाव जल जाने की महक आ रही थी । अब जरा सोचिए इस दिन जब उपस्थित 80 बच्चों के भोजन यह हाल है तो जिस दिन बच्चों की उपस्थिति सत प्रतिशत होती होगी तो उनको पर्याप्त भोजन कैसे मिल पाता होगा । क्या उन्हें आधा पेट ही भोजन दिया जाता होगा,,,? इस छोटे बर्तन में भोजन बनने से डेढ़ सौ बच्चों का पेट केसे भरता होगा,