सीहोर के इस गांव में आएंगे इन्वेस्टर्स समिट के मेहमान





रिपोर्ट जुगल किशोर पटेल 
लक्ष्य टुडे सीहोर।
ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (जीआईएस) में 24 और 25 फरवरी को आने वाले देसी-विदेशी मेहमानों को प्रदेश के सबसे सुंदर गांव गांव खारी में बने होम स्टे में रोक कर उनकी आवगभत की जाएगी। मालवा की दाल बाफला और दाल बाटी, लड्डू खिलाया जाएगा। साथ ही खपरेल छत, कच्ची दीवारें और गोबर से लीपे हुए फर्श के मकानों की मेहमानों को विजिट कराई जाएगी और रात्रि विश्राम कराया जाएगा।  

खारी गांव के होम स्टे और यहां की आवभगत टूरिस्टों को काफी भा रही है। यहां बने मिट्टी व लकड़ी के घरों में ब्रिटेन, ताईवान, अमेरिका, कनाडा सहित 15 से अधिक देशों के टूरिस्ट आ चुके हैं। इनके अलावा तमिलनाडु, दिल्ली, हरियाणा, महाराष्ट्र, बिहार, गुजरात, उप्र सहित कई राज्यों से एक हजार से ज्यादा लोग स्टे कर चुके हैं। अब ग्लोबल इंवेस्टर समिट के आने वाले मेहबानों की मेहमान नमाजी के लिए यह होम स्टे तैयार हैं। एमपी टूरिज्म की खारी प्रोजेक्ट मैनेजर प्रियांका सिन्हा ने इन होम स्टे को और बेहतर तरीके से तैयार कराया है।

भजन और तिलक से होगा स्वागत

खास मेहमानों का पारंपरिक तरीके से रोली-चंदन का तिलक और चावल लगाकर स्वागत किया जाएगा। 82 साल के भंवर जी गौर यहां आने वालों को रामायण से संबंधित भजनए गांव के किस्से आदि सुनाएंगे।

विलेज ईको सिस्टम को दर्शते हैं होम स्टे

खारी गांव जिले के अन्य गांव की तरह ही सामान्य है। यहां के लोग बच्चों की पढ़ाई, नौकरी और मजदूरी के लिए सीहोरए भोपाल और बिलकिसगंज जाते हैं। कई लोग गांव छोडक़र शहर में बस गए हैं। पिछले दो साल में गांव में बदलाव देखने को मिला है। यहां पांच लोगों ने पर्यटन विभाग और एक संस्था के साथ मिलकर ईंट, पत्थर, मिट्टी, लकड़ी और खपरैल से यहां अब तक दस होम स्टे तैयार किए हैं। ये होमस्टे पूरे विलेज इकोसिस्टम को दर्शाते हैं। खपरेल की छतए कच्ची दीवारें और गोबर से लीपा हुआ फर्श ये सभी टूरिस्टों को गांव की ओर खींच रहे हैं।

दीवार पर पेंटिंग और गोबर की लिपाई वाला फर्श

होम स्टे चलाने वाले अर्जुन सिंह गौर, ओमप्रकाश मारन, मुकेश गौर, कमलेश गौर, अजय गौर और हेमराज गौर का कहना है कि हमारा गांव भोपाल से सिर्फ 35 किमी दूर है। होम स्टे तैयार करने में यह पूरी ध्यान रखा है कि रुकने वाले का प्राकृति और गांव के जुड़ाव रहे। इसमें लकड़ी की कुर्सी, खिड़कियां, दरवाजे, मिट्टी की दीवारें, अलमारी, आले, दीवार पर फ्री हेंड पेंटिंग और गोबर की लिपाई वाला फर्श लोगों को गांव का अहसास कराता है। एक स्टे को बनाने में सात से आठ लाख का खर्च आता है।

फॉर्म टु प्लेट के लिए ऑर्गेनिक खेती

स्टे संचालन के लिए गांव के सदस्यों ने एक समिति बनाई है। समिति के अध्यक्ष ओमप्रकाश मारण ने बताया कि लोग यहां शहर से दूर गांव का अनुभव करने आते हैं। फॉर्म टु प्लेट यानि लोग भोजन के लिए खेत से खुद सब्जी तोड़ते हैं। इसके लिए स्टे के पास में ही सब्जी लगा रखी है। यहां बिना रासायनिक खाद के सब्जी उगाते हैं। हम चूल्हे पर खाना पकाते हैं। हमारे साथ कई लोग खुद खाना बनाने का अनुभव भी लेते हैं। जून 2023 से अब तक मेरे यहां 107 नाइट स्टे और 160 से अधिक डे स्टे हो चुके हैं।

बेबसाइड से भी होती है बुकिंग

कमलेश गौर ने बताया कि यहां स्टे के लिए मप्र पर्यटन (एमपीटी) और एमएमटी की वेबसाइट से बुकिंग की जा सकती है। भोपाल और सीहोर से रेलवे स्टेशन से करीब 35 किमी दूर स्थित खारी के लिए सरू१क मार्ग से पहुंचा जा सकता है। इसके लिए दोनों जगह से टैक्सी बुक कर सकते हैं। हालांकि कई लोग स्वयं के वाहन से आते हैं। होम स्टे ऑनर के मोबाइल पर सीधे कॉल करके भी बुकिंग कर सकते हैं।

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