सीहोर।
राजनीति में स्थायी कुछ नहीं होता। कभी भी जनप्रतिनिधि अपने समर्थकों को बदल देते हैं तो हर दम साथ निभाने का वादा करने वाले समर्थक भी अपने नेताओं से दूरी बना लेते हैं। जैसा कि इन दिनों सीहोर विधानसभा क्षेत्र की राजनीति में देखने को मिल रहा है।
दरअसल, सीहोर विधानसभा क्षेत्र की आधी आबादी शहर में बसती हैं, जबकि आधी आबादी गांव में। सीहोर विधानसभा क्षेत्र की राजनीति में ग्रामीण अंचल का शुरू से ही दबदबा रहा है। ग्रामीण अंचल का झुकाव जिस और रहा है, नेता वहीं बना है। लेकिन अब ग्रामीण अंचल के नेता भी समझदार या चतुर हो गए हैं। दरअसल, हर दिन या सप्ताह से दो-तीन बार जिला मुख्यालय पर दस्तक देकर सोशल मीडिया पर फोटो वीडियो शेयर करने वाले अंचल के जनप्रतिनिधियों ने जिला मुख्यालय से दूरी बना ली है। ग्रामीण नेताओं द्वारा बनाई गई इस दूरी की वजह भी बड़ी रोचक हे। ग्रामीण नेताओं का तर्क है कि आने वाले दिनों में कार्यकारिणी का गठन होना है, ऐसे में दूरी रखना लाजमी है। हालांकि कुछ जनप्रतिनिधि मुख्यालय की राजनीति में बीते दिनों से उपजे हालातों को भी वजह बता रहे हैं। बता दें आने वाले दिनों में जिले में कांगे्रस और भाजपा दोनों ही दलों की कार्यकारिणी का गठन होना है।