सीहोर। इस वर्ष मौसम विभाग ने अनुमान जताया था कि इस वर्ष टारगेट से ज्यादा 105 प्रतिशत बारिश होगी, लेकिन मौसम विभाग का यह अनुमान 31 अगस्त तक तो झूठा ही साबित हुआ है। टारगेट से ज्यादा तो दूर की बात है, लक्ष्य से भी कम बारिश हुई है। हालांकि बारिश 15 सितंबर तक मानी जाती है, ऐसे में अभी पूरे 15 दिन शेष बचे हैं और हो सकता है मौसम विभाग की यह भविष्यवाणी सही साबित हो जाए।
इस वर्ष बारिश की बेरुखी की वजह से जिले में खेतों को हरा-भरा करने वाले व आम जनता की प्यास बुझाने वाले तालाबों का पेट ही खाली है। जिले के 66 तालाबों में से सिर्फ 9 ही पूरी तरह भर पाए हैं, जबकि 56 तालाब आधे से भी कम भरे हैं। इनमें से 46 में तो 25 प्रतिशत से भी कम पानी है और 5 तालाब पूरी तरह सूख चुके हैं।
जमोनिया तालाब भी खाली
शहर को पानी सप्लाई करने वाला जमोनिया तालाब भी इस बार सिर्फ 21.4 फीट भर पाया है, जो पिछले साल के 27.6 फीट से काफी कम है। इसी तरह भगवानपुरा तालाब में भी 17 फीट पानी ही है, जो पिछले साल से 6.6 फीट कम है।
औसत से 88 मिमी कम बारिश
इस साल सीहोर में अब तक 698.2 मिमी बारिश हुई है, जो पिछले साल की तुलना में 88 मिमी कम है। बारिश की कमी से कुएं, हैंडपंप और ट्यूबवेल का जलस्तर तेजी से गिर रहा है। यदि बारिश की बेरुखी ऐसे ही बनी रही तो इस वर्ष गर्मी के दिनों में लोगों को पेयजल संकट का गंभीर सामना करना पड़ सकता है।