कटनी जिला अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों को निर्धारित मापदंडों के अनुसार भोजन नहीं मिल रहा

 


*रिपोर्टर सतेंद्र जैन*

कटनी,। जिला अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों को निर्धारित मापदंडों के अनुसार भोजन नहीं मिल रहा है। इसको लेकर जिला अस्पताल भोजनालय के प्रभारी लिपिक ने सिविल सर्जन डॉ यशवंत वर्मा से शिकायत की है। शिकायत में कहा गया है कि राज तिवारी मेसर्स रघुकुल सामजिक सेवा एवं मानव कल्याण संस्थान शहडोल को जिला चिकित्सालय में भर्ती गर्भवती माताओं, सामान्य मरीजो को पकाकर चाय, नास्ता, विस्किट, टोस, दूध एवं दोनों समय का भोजन आदि शासन द्वारा निर्धारित मेनू, निविदा शर्तों के अनुसार भोजन प्रदाय करने हेतु ठेका निविदा दरों पर प्रदान करते हुए 8 जुलाई को सौंपते हुए 9 जुलाई से भोजन प्रदाय के निर्देश दिये गये है। ठेकेदार द्वारा निविदा अनुबंध का पालन नहीं किया जा रहा है एवं न ही शासन द्वारा निर्धारित नार्म के अनुसार मरीजो को निर्धारित मात्रा में प्रदाय नहीं किया जा रहा हैठेकेदार द्वारा सुबह की चाय 9 बजे के बाद बांटी जाती है एवं चाय कप में न बाट कर जो मरीज ग्लास लाते है। उनके ग्लास में बिना नाप के बाथ दे दी जाती है एवं जिस मरीज के पास ग्लास नहीं होती उन्हें चाय नहीं दी जाती है। इनके द्वारा निर्धारित माष के अनुसार निर्धारित समय पर डिस्पोजल कप में बाय नहीं दी जाती है। ठेकेदार द्वारा ठेका प्रारंभ के समय मात्र तीन दिवस ही गर्भवती माताओं को फल दिया गया है. इसके बाद फल नहीं दिया जा रहा है। गर्भवती माताओं को 100 ग्राम गुड का लड्डू दिये जाने का प्रावधान है किन्तु इनके द्वारा मात्र 40-50 गाम का गुड का लड्डू कुछ माताओं को दिया जाता है सभी की वह भी नहीं दिया है। लड्डू में मेवा की मात्रा न के बराबर रहती है। गर्भवती माताओं को दो बार 250 एमएल दूध दिया जाना है एवं समान्य मरीजों को दिन में एक बार दिये जाने का प्रावधान है किन्तु ठेकेदार द्वारा गर्भवती माताओं को दिन में एक बार 200 मिलीलीटर दूध ही कुछ माताओं को दिया जा रहा है एवं साम के समय दूध का वितरण नहीं किया जा रहा है इसकी सत्यता की जांच मरीजों की संख्या एव दुग्ध संघ मर्यादित जबलपुर के देयक को देख कर किया जा सकता है। सुबह का नास्ता बिना मात्रा निर्धारण के प्रातः 10 बजे के बाद 1:47 दिया जाता है यह भी प्लेट में नहीं किया जाता है। दोपहर एवं सायकाल का भोजन थाली में नहीं दिया जाता है एवं भोजन देने का कोई भी मापदंड नहीं है। जो मरीज थाली लिये रहते है वे तो थाली में ले लेते है किन्तु जिन मरीजों के पास थाली नहीं होती वे भोजन नहीं ले पाते या कटोरे में लेते भी है तो शासन द्वारा निर्धारित मात्रा में रोटी, दलिया, दाल व शब्जी नहीं ले जाते है। दाल एवं शब्जी पतली रहती है। ठेकेदार द्वारा सलाद तो प्रारंभ के दिन से ही नहीं दी जा रही है। भोजन के गुणवत्ता आदि का कोई भी निर्धारण नहीं है। मरीजो को भोजन खंड वाली थाली में देने के निर्देश है एवं उन्हें भोजन वितरण पश्चात संकलित कर वार्ड में कार्यरत नर्सिंग आफीसरों से दिये गये भोजन की संख्या का सत्यापन कराया जाना है किन्तु इनके द्वारा नहीं कराया जा रहा है जिससे यह स्पस्ट नहीं हो पा रहा है कि किस वार्ड में किस दिन कितने मरीजो को भोजन प्रदान किया गया है। ठेकेदार तो स्वयं उपस्थित रहते नहीं उनके कर्मचारियों को यदि किसी प्रकार का सुझाव व सुधार हेतु निर्देश दिये जाते है वे उसका पालन नहीं कर रहे है। ठेकेदार द्वारा निविदा अनुबंध के किसी भी शर्तों का पालन नहीं किया जा रहा है। इनके द्वारा किसी प्रकार का रजिस्टर का सधारण अभी तक बार बार बोलने पर भी नहीं किया गया है जिसके कारण भोजन प्राप्त करने वाले मरीजों की संख्या का भी सत्यापन किया जाना संभव नहीं हो पा रहा है। कटनी, यश भारत। जिला अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों को निर्धारित मापदंडों के अनुसार भोजन नहीं मिल रहा है। इसको लेकर जिला अस्पताल भोजनालय के प्रभारी लिपिक ने सिविल सर्जन डॉ यशवंत वर्मा से शिकायत की है। शिकायत में कहा गया है कि राज तिवारी मेसर्स रघुकुल सामजिक सेवा एवं मानव कल्याण संस्थान शहडोल को जिला चिकित्सालय में भर्ती गर्भवती माताओं, सामान्य मरीजो को पकाकर चाय, नास्ता, विस्किट, टोस, दूध एवं दोनों समय का भोजन आदि शासन द्वारा निर्धारित मेनू, निविदा शर्तों के अनुसार भोजन प्रदाय करने हेतु ठेका निविदा दरों पर प्रदान करते हुए 8 जुलाई को सौंपते हुए 9 जुलाई से भोजन प्रदाय के निर्देश दिये गये है। ठेकेदार द्वारा निविदा अनुबंध का पालन नहीं किया जा रहा है एवं न ही शासन द्वारा निर्धारित नार्म के अनुसार मरीजो को निर्धारित मात्रा में प्रदाय नहीं किया जा रहा है। ठेकेदार द्वारा सुबह की चाय 9 बजे के बाद बांटी जाती है एवं चाय कप में न बाट कर जो मरीज ग्लास लाते है। उनके ग्लास में बिना नाप के दे दी जाती है एवं जिस मरीज के पास ग्लास नहीं होती 1:4 8

उन्हें चाय नहीं दी जाती है। इनके द्वारा निर्धारित माष के अनुसार निर्धारित समय पर डिस्पोजल कप में बाय नहीं दी जाती है। ठेकेदार द्वारा ठेका प्रारंभ के समय मात्र तीन दिवस ही गर्भवती माताओं को फल दिया गया है. इसके बाद फल नहीं दिया जा रहा है। गर्भवती माताओं को 100 ग्राम गुड का लड्डू दिये जाने का प्रावधान है किन्तु इनके द्वारा मात्र 40-50 गाम का गुड का लड्डू कुछ माताओं को दिया जाता है सभी की वह भी नहीं दिया है। लड्डू में मेवा की मात्रा न के बराबर रहती है। गर्भवती माताओं को दो बार 250 एमएल दूध दिया जाना है एवं समान्य मरीजों को दिन में एक बार दिये जाने का प्रावधान है किन्तु ठेकेदार द्वारा गर्भवती माताओं को दिन में एक बार 200 मिलीलीटर दूध ही कुछ माताओं को दिया जा रहा है एवं साम के समय दूध का वितरण नहीं किया जा रहा है इसकी सत्यता की जांच मरीजों की संख्या एव दुग्ध संघ मर्यादित जबलपुर के देयक को देख कर किया जा सकता है। सुबह का नास्ता बिना मात्रा निर्धारण के प्रातः 10 बजे के बाद दिया जाता है यह भी प्लेट में नहीं किया जाता है। दोपहर एवं सायकाल का भोजन थाली में नहीं दिया जाता है एवं भोजन देने का कोई भी मापदंड नहीं है। जो मरीज थाली लिये रहते है वे तो थाली में ले लेते है किन्तु जिन मरीजों के पास थाली नहीं होती वे भोजन नहीं ले पाते या कटोरे में लेते भी है तो शासन द्वारा निर्धारित मात्रा में रोटी, दलिया, दाल व शब्जी नहीं ले जाते है। दाल एवं शब्जी पतली रहती है। ठेकेदार द्वारा सलाद तो प्रारंभ के दिन से ही नहीं दी जा रही है। भोजन के गुणवत्ता आदि का कोई भी निर्धारण नहीं है। मरीजो को भोजन खंड वाली थाली में देने के निर्देश है एवं उन्हें भोजन वितरण पश्चात संकलित कर वार्ड में कार्यरत नर्सिंग आफीसरों से दिये गये भोजन की संख्या का सत्यापन कराया जाना है किन्तु इनके द्वारा नहीं कराया जा रहा है जिससे यह स्पस्ट नहीं हो पा रहा है कि किस वार्ड में किस दिन कितने मरीजो को भोजन प्रदान किया गया है। ठेकेदार तो स्वयं उपस्थित रहते नहीं उनके कर्मचारियों को यदि किसी प्रकार का सुझाव व सुधार हेतु निर्देश दिये जाते है वे उसका पालन नहीं कर रहे है। ठेकेदार द्वारा निविदा अनुबंध के किसी भी शर्तों का पालन नहीं किया जा रहा है। इनके द्वारा किसी प्रकार का रजिस्टर का सधारण अभी तक बार बार बोलने पर भी नहीं किया गया है जिसके कारण भोजन प्राप्त करने वाले मरीजों की संख्या का भी सत्यापन किया जाना संभव नहीं हो पा रहा है।

एक टिप्पणी भेजें

और नया पुराने