सीहोर। सोमवार हुए राजनीतिक विवाद ने एक नया मोड़ ले लिया है, जब पूर्व विधायक
रमेश सक्सेना ने इस पूरे मामले में दखल दिया है। सोमवार को हुए हंगामे के बाद उन्होंने एक वीडियो जारी कर वर्तमान विधायक सुदेश राय को नसीहत दी है, जिसमें उन्होंने राजनीति में गरिमा और मर्यादा बनाए रखने की बात पर जोर दिया।
सोमवार को सीहोर के बस स्टैंड पर बीजेपी और कांग्रेस के कार्यकर्ता आमने सामने आ गए थे। बीजेपी कार्यकर्ता राहुल गांधी के एक बयान का विरोध कर रहे थे, जिसके कारण दोनों पक्षों के बीच तीखी बहस और धक्का-मुक्की हुई। इसी दौरान विधायक सुदेश राय पर मातृशक्ति के सामने अभद्र भाषा ‘मां की गाली’ का इस्तेमाल करने का आरोप लगा है।
रमेश सक्सेना ने बताया काला दिवस
इस घटना से आहत रमेश सक्सेना ने अपने वीडियो में इसे सीहोर के इतिहास का ‘काला दिवस’ बताया। उन्होंने कहा कि आज तक किसी भी जनप्रतिनिधि ने सार्वजनिक रूप से ऐसी भाषा का इस्तेमाल नहीं किया। सक्सेना का मानना है कि इस कृत्य से न केवल संवैधानिक पद की गरिमा को ठेस पहुंची है, बल्कि उन दो लाख मतदाताओं की भावनाओं को भी गहरा आघात लगा है जिन्होंने विधायक को चुना है।
सक्सेना ने विधायक सुदेश राय के परिवार से अपने 50 साल पुराने पारिवारिक संबंधों का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि राय के परिवार की अच्छी पृष्ठभूमि रही है और उनके इस व्यवहार से उस परिवार को भी दुख हुआ है। सक्सेना ने खुद को एक बड़े भाई की हैसियत से पेश करते हुए सुदेश राय को संयम बरतने और दूरदर्शिता से सोचने की सलाह दी। उन्होंने कहा राजनीति को कुछ मापदंडों के अनुसार ही करना चाहिए और व्यक्तिगत जीवन की शुचिता का उल्लंघन नहीं करना चाहिए। सक्सेना ने यह भी कहा कि पुलिस और प्रशासन को धमकी देने जैसी बातें भी बेहद चिंताजनक हैं।